बासंती नवरात्र को लेकर पथरगामा में आयाेजित श्रीमद भागवत कथा का आयाेजन किया जा रहा है. चौथे दिन आयोजित कथा वाचन के दौरान कथा वाचक आचार्य पवन जी महाराज ने कहा कि जीवन में जब संकल्प दृढ़ हो, तो भगवान स्वयं आकर दर्शन देते हैं. भगवान तभी दर्शन देंगे, जब आपके जीवन में कोई सच्चा गुरु होगा. इसलिए जब तक आपके जीवन में गुरु नहीं हैं, तब तक आपसे परमात्मा का साक्षात्कार नहीं हो सकता है. चिहारो पहाड़ परिसर में चैती दुर्गा पूजा के उपलक्ष्य पर आयोजित कथा श्रवण कराते हुए अयोध्या के कथा व्यास पवन जी महाराज ने भक्ति प्रसंग को जोड़ते हुए भक्त ध्रुव के रोचक प्रसंग को उठाया. वर्णन करते हुए कहा कि किस प्रकार से ध्रुव अपने पिता की गोद में बैठने के लिए गये, मगर माता द्वारा कहे गये वाक्यों से दुखी होकर ध्रुव जी वन में तपस्या करने चले गये. सौभाग्य से जंगल में उनकी भेंट नारद जी से हुई. नारद जी ने ध्रुव जी को वासुदेव गायत्री का मंत्र दिया, जिसके प्रभाव से वह संसार के पिता की गोद क्या कहें, वो तो जगत पिता की गोद में ही बैठ गये. भक्त और भगवान के अन्य प्रसंगों को सुनते हुए कपिल गीत का विस्तार से भक्तों को श्रवण कराया. बताते चलें कि मां चिहारो के पवित्र प्रांगण में नौ दिवसीय चैती दुर्गा पूजन उत्सव कार्यक्रम के मध्य श्रीमद भागवत महापुराण की भक्तिमय कथा को सुनने के लिए बड़ी तादात में भक्त पहुंच रहे हैं. आयोजक समिति के अध्यक्ष संतोष महतो, बलराम कुमार, आनंद बिहारी, रतन महतो, सिकंदर यादव, विकास कुमार, अरविंद यादव, सत्यप्रकाश समेत तमाम पूजा समिति के सदस्य आयोजन की सफलता में जुटे हुए हैं.
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