नवरात्र के पावन सप्तमी तिथि पर बारकोप स्टेट के प्राचीन दुर्गा मंदिर में छहरा देने की पारंपरिक रस्म बड़े उत्साह और विधि विधान के साथ संपन्न हुई. दोपहर साढ़े तीन बजे से ही हजारों की संख्या में महिलाएं बारकोप मोड़ होते हुए योगिनी स्थान की ओर बढ़ने लगीं. योगिनी स्थान पर बेल वृक्ष के नीचे बेलभरण का विधिवत पूजन किया गया, इसके बाद महिलाएं मिट्टी के पात्र में दूध और सिंदूर से छहरा देते हुए मां दुर्गा की आराधना में लीन हो गयीं. लगभग साढ़े पांच बजे छहरा देने की रस्म पूरी की गयी. योगिनी स्थान से बेलभरण लेकर बारकोप के प्राचीन दुर्गा मंदिर तक महिलाएं और पुरुष जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े. मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु, जिनमें बारकोप स्टेट के वंशज भी शामिल थे, मां दुर्गा के छहरा देने के इस पारंपरिक आयोजन में सम्मिलित हुए. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में रहा. बारकोप मोड़, योगिनी स्थान और मंदिर परिसर में पुलिस की तैनाती कर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गयी. इस प्रकार धार्मिक आस्था और परंपरा का भव्य प्रदर्शन नजारा बनकर उभरा.
ठाकुरगंगटी में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन, श्रद्धालुओं की जुटी भीड़
ठाकुरगंगटी क्षेत्र में दुर्गा पूजा को लेकर भक्तिमय वातावरण बना हुआ है. भगैया, माल मंडरो, चपरी, मोरडीहा, गंगटी और बनियाडीह के मंदिरों में माता का पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. लोग लंबी कतार में लगकर माता के दर्शन करने पहुंचे. दुर्गा मंदिरों में छहरा देने की परंपरा भी विधि-विधानपूर्वक निभायी गयी. अरहर के पौधे से मंदिर के चारों ओर झाड़ू लगायी गयी और दंडवत करते हुए श्रद्धालु माता के मंदिर पहुंचे, जहां दूध और सिंदूर अर्पित किया गया. मंदिर समिति के अध्यक्ष कुंदन भगत, सचिव विष्णु जयसवाल, पूर्व अध्यक्ष कुंदन भगत और कोषाध्यक्ष सुजीत भगत ने बताया कि सप्तमी के अवसर पर छहरा देने की रस्म में भागलपुर, साहिबगंज, बरहेट, बरहरवा, पाकुड़ और मिर्जाचौकी सहित कई स्थानों के श्रद्धालु शामिल हुए. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बीडीओ विजय कुमार मंडल और थाना प्रभारी पंकज कुमार सिंह मंदिर परिसर में तैनात रहे और विधि व्यवस्था सुनिश्चित की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

