ठाकुरगंगटी प्रखंड क्षेत्र में चैती नवरात्र व रामनवमी को लेकर बड़ी भगैया में आयोजित श्रीराम कथा को लेकर पूरे गांव में भक्तिमय माहौल बना हुआ है. मथुरा वृंदावन से पधारे कथावाचक विष्णु पाठक जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को स्मरण कराते हुए कहा कि राम कथा रामायण महाकाव्य में वर्णित भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों की कहानी है, जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है. यह राम कथा, धर्म, कर्तव्य, प्रेम और न्याय जैसे मूल्यों पर आधारित है. इसके साथ ही राम कथा का महत्व, आदर्श चरित्र, धर्म और कर्तव्य, प्रेम और समर्पण, सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धालुओं को राम और सीता के प्रेम, राम और लक्ष्मण के भाईचारे और राम के प्रति हनुमान के समर्पण जैसे उदाहरण प्रेम और समर्पण महत्व के बारे में बताया. वहीं हजारों की संख्या में उपस्थित महिला-पुरुष एवं युवक-युवतियां ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र को अपने जीवन में उतारने के लिए शांति मुद्रा में कथा व्यास द्वारा कही जा रही राम कथा का अनुश्रवण किया. महाराज जी ने कहा कि शिव गुरु को पाने के लिए कुछ दिन माता पार्वती ने भोजन त्याग कर तपस्या किया. इसके बाद जल को भी त्याग दिया. उन्होंने संकल्प किया कि अगर शिव को पाना है, तो त्याग करने पर ही सफलता मिल सकती है. इसलिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए सफलता के साथ-साथ त्याग करना होगा. सप्त ऋषि ने कहा था कि मैया किसके लिए त्याग कर रही हो. उन्होंने शिव के रूपों की चर्चा की. इसके पूर्व मोर भंगिया के मनाय दे हो भोलेनाथ के भजन पर श्रद्धालु झूमने को मजबूर हो गये. मौके पर पंचायत की मुखिया आशा देवी, अखिलेश जायसवाल, रविंदर कुमार मंडल, गौतम मंडल, ज्योतिष मंडल, विष्णु मंडल, विजय मंडल, मनीष मंडल, कृष्णा मंडल, सुबोध मंडल, बबलू मंडल के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. पुलिस प्रशासन की ओर से शांति व्यवस्था कायम रखने को लेकर महिला बलों की तैनाती की गयी थी.
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