स्थायी थाना भवन निर्माण की वर्षों से लंबित मांग को लेकर संघर्ष समिति हनवारा थाना के बैनर तले चल रहा अनिश्चितकालीन धरना एवं आमरण अनशन गुरुवार को उग्र रूप धारण कर गया. आंदोलन के दूसरे दिन बड़ी संख्या में लोगों ने समर्थन देते हुए दुकानों को स्वतः बंद रखा, जिससे क्षेत्र का जनजीवन प्रभावित रहा. गुरुवार को आमरण अनशन पर बैठे युवा समाजसेवी शाहीन आलम की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. बीपी लो होने के कारण उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां आयुष चिकित्सक डॉ. अभिषेक सानू ने उनका इलाज शुरू किया. फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बतायी जा रही है. धरना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक कार्यकर्ता और संघर्ष समिति के सदस्य मौजूद रहे. आंदोलनकारियों का कहना है कि हनवारा में थाना भवन निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सरकार और प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं है. इसी उपेक्षा के चलते आमरण अनशन जैसे कदम उठाने को वे मजबूर हुए हैं. बुधवार को महागामा के सीओ खगेन महतो और थाना प्रभारी राजन कुमार राम ने धरनास्थल पर पहुंचकर अनशन समाप्त करने की अपील की थी, लेकिन शाहीन आलम एवं समिति के सदस्य लिखित आश्वासन की मांग पर अडिग हैं. इस आंदोलन से क्षेत्र का माहौल पूरी तरह गरमा गया है और आस-पास के गांवों से भी लोगों का समर्थन लगातार मिल रहा है. स्थानीय प्रशासन स्थिति पर पैनी नजर बनाये हुए है. आंदोलनकारी साफ कर चुके हैं कि जब तक ठोस एवं लिखित आश्वासन नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा.
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