पोड़ैयाहाट. जिले में शिक्षा का हब माने जानेवाला पोड़ैयाहाट प्रखंड अंतर्गत सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. प्रखंड के कई ऐसे शिक्षक विहीनस्कूल हैं, जहां बच्चों की पढ़ाई प्रतिनियुक्त सहायक अध्यापकों के भरोसे हो रही है. प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कितामकरा में एक भी सरकारी शिक्षक नहीं हैं, विद्यालय के एकमात्र सहायक अध्यापक प्रवीण कुमार ठाकुर प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में विद्यालय को अपनी सेवा दे रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र में 57 ऐसे विद्यालय हैं, जहां सिर्फ सहायक अध्यापक के भरोसे कार्य चल रहा है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय कारुडीह प्राथमिक विद्यालय सकरी, प्राथमिक विद्यालय बेलडाग, प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय अमजोरा सहित अन्य विद्यालय भी शामिल हैं. प्रखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां सहायक अध्यापक के भरोसे ही पठन-पाठन हो रहा है. प्राथमिक विद्यालय महीचंद, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुग्गा बथान, उत्क्रमित विद्यालय श्यामपुर, उत्क्रमित विद्यालय बनकटी शामिल है. बता दें कि सहायक अध्यापक के ऊपर इतनी जिम्मेवारी हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. देखा यह भी जा रहा है कि कई वर्षों से शिक्षक को निर्वाचन के कार्य में भी लगा दिया जाता है. जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है एवं शिक्षक को मध्याह्न भोजन एवं अन्य कार्य का प्रतिवेदन भी सौंपना पड़ता है. 248 सरकारी स्कूलों में 267 शिक्षकों के भरोसे 35310 बच्चों की पढ़ाई प्रखंड में उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 94 है. प्राथमिक विद्यालय की संख्या 66 हैं, जबकि 94 उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. वहीं मध्य विद्यालयों की कुल संख्या 14 है. 12 उत्क्रमित उच्च विद्यालय है, इसके साथ ही 2 मदरसा, 1 कस्तूरबा गांधी आवासीय आवासीय विद्यालय व अल्पसंख्यक मध्य विद्यालय है. पूरे प्रखंड के विद्यालयों में सरकारी शिक्षकों की संख्या 248 है. 352 सहायक अध्यापक कार्यरत हैं. 57 विद्यालय ऐसे हैं, जहां एक शिक्षक से पठन-पाठन कराया जाता हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो रही है. शिक्षक पढ़ाई के अलावा भोजन से लेकर प्रखंड व जिलास्तरीय बैठक में भी शामिल होना, समय-समय पर आवश्यक कागजात आदि का निबटारा करना भी शिक्षकों के दायित्व में शामिल है. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी बहशांति मरांडी पोड़ैयाहाट के अलावा अन्य प्रखंड में भी अतिरिक्त प्रभार में है. पूरे जिले मात्र दो बीइइओ हैं, जिसके भरोसे स्कूलों की मॉनिटरिंग की जा रही है. क्या कहते हैं अभिभावक सरकारी व्यवस्था में सारा सिस्टम ठीक है. मगर बच्चों को विषयबार शिक्षक नहीं होने से बच्चे कई विषय में कमजोर हो जाते हैं. इसलिए सरकार को जरूरत है कि विषयबार शिक्षक की नियुक्ति हों. -गणेश मंडल, बांझी ऐसे कई विद्यालय हैं, जहां पर एक शिक्षक के भरोसे ही पढ़ाई हो रही है, जहां 450 बच्चे हैं. वहां एक शिक्षक कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकते हैं. इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. जल्द पहल हो. -अनुपम प्रकाश, शिक्षाविद ऐसे कई विद्यालय हैं, जहां शिक्षक एमडीएम की रिपोर्ट जमा करने के लिए बीआरसी चले जाते हैं, उस स्थिति में विद्यालय बंद भी हो जाता है. विद्यालय सुचारू रूप से नहीं चल पता. इसका निदान हो. -अनुपम भगत, मुखिया, पोड़ैयाहाट अगर सरकारी विद्यालय में विषय बार शिक्षक की नियुक्त हो जाये तो लोगों को प्राइवेट की ओर नहीं जाना पड़ेगा लोग मजबूर होकर प्राइवेट विद्यालय में अपने बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. -अर्चना देवी, सामाजिक कार्यकर्ता क्या कहते हैं बीडीओ शिक्षकों की कमी की जानकारी जिले के वरीय अधिकारियों को दी जायेगी. शिक्षा विभाग को भी आकलन कर रिपोर्ट भेजी जायेगी. फुलेश्वर मुर्मू, बीडीओ प्रखंड के स्कूलों पर एक नजर प्लस टू हाई स्कूल :05 उच्च विद्यालय : 02 उत्क्रमित उच्च विद्यालय : 12 मध्य विद्यालय :14 उत्क्रमित मध्य विद्यालय : 46 प्राथमिक विद्यालय : 67 उत्क्रमित प्राथमिक : 94 अर्द्ध सरकारी मिडिल स्कूल : 02 अर्द्ध सरकारी हाइस्कूल– 01 मॉडल स्कूल : एक समर्थ आवासीय विद्यालय : 01 बेसिक स्कूल : 01 मदरसा विद्यालय : 01 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय : 01 इंटर कॉलेज : 01
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