ठाकुरगंगटी प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कजरैल गांव में चैती दुर्गा व रामनवमी को लेकर सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया गया. गुरुधाम वृंदावन से पधारीं किशोरी कृष्ण नंदनी जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति के जीवन में अध्यात्म हो और आदर्श महापुरुषों के प्रेरक जीवन चरित्र, उनके संघर्ष की कहानियां व त्याग, साहस का स्वाध्याय हो, तो उसे भीतर से सकारात्मक ऊर्जा का बल प्राप्त होता है. अध्यात्म के बिना मानव जीवन अधूरा है. अध्यात्म एक जीवन निर्माण का मूल सूत्र है. मानव मात्र के लिए अध्यात्म महत्वपूर्ण है. जीवन की शुरुआत संस्कारों से होती है और संस्कार हमें अध्यात्म से मिलते हैं. हमारे पूर्वजों ने जैसा हमें संस्कार व शिक्षा दी, वैसा हम जीने का प्रयास करते हैं. अपने जीवन में कर्म करके शांति से जीवन-यापन करना चाहते हैं. मनुष्य का मूल अध्यात्म हैं, उसे पुनर्जन्म के संस्कार माता के गर्भ में ही प्राप्त हो जाते हैं. परमात्मा व उनकी मूर्ति में श्रद्धा, ईश्वरीय शक्ति में विश्वास, सम्मान, बड़े व गुरुजनों के प्रति सम्मान संस्कार अध्यात्म से बचपन में ही प्राप्त हो जाता है. इस जीवन रूपी यात्रा में वह अध्यात्म से बहुत कुछ सीखता है और अनुभव भी करता है. व्यक्ति के जीवन में कई तरह के पड़ाव आते रहते हैं. कभी सुख, कभी दुःख, विपदाएं, परेशानियां, कठिनाइयों का सामना करते-करते सकारात्मक ऊर्जा नहीं मिलने के कारण व्यक्ति थक जाता है. जिस व्यक्ति के जीवन में अध्यात्म हो और आदर्श महापुरुषों के प्रेरक जीवन चरित्र, उनके संघर्ष की कहानिया व उनके त्याग व साहस का स्वाध्याय हो तो उसे भीतर से सकारात्मक ऊर्जा का बल प्राप्त होता हैं, वह अपने आपको कमजोर नहीं बल्कि मजबूत महसूस करता हैं. इस दौरान कमेटी के व्यवस्थापक सह जिला परिषद सदस्य निरंजन कुमार पोद्दार, बिनोद कुमार साह, पारसनाथ चौधरी, मदन रजक, निरंजन पासवान, घनश्याम पोद्दार के साथ काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. इस संबंध में थाना प्रभारी पंकज कुमार सिंह द्वारा शांति व्यवस्था कायम रखने को लेकर पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी.
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