पोड़ैयाहाट प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायतों को 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली राशि पिछले डेढ़ वर्ष से बंद है, जिससे पंचायत स्तर पर चल रहे सभी विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गये हैं. सड़क मरम्मत, नाली निर्माण, स्ट्रीट लाइट, पेयजल व शौचालय जैसी आवश्यक योजनाएं अधर में लटक गयी हैं. पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले 12 से 18 महीनों में कोई फंड आवंटन नहीं हुआ है, जिससे गांवों का विकास कार्य रुक गया है. इस कारण आमजन में नाराजगी है और लोग मुखिया एवं जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को चुनने के बावजूद मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिससे वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. उप प्रमुख सुमन भगत ने सरकार से अविलंब राशि जारी करने की मांग करते हुए कहा कि जब तक गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक प्रखंड और जिला भी आगे नहीं बढ़ सकते. प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष अनुपम भगत और मुखिया अमर यादव ने भी केंद्र और राज्य सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायतें केवल केंद्र पर निर्भर हैं, राज्य से सहयोग नहीं मिल रहा है. ग्रामीण विकास की रफ्तार थमने से सबसे अधिक असर गरीब परिवारों पर पड़ रहा है. जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दिया है कि यदि जल्द फंड जारी नहीं हुआ तो पंचायत स्तर पर काम पूरी तरह से ठप हो जाएगा, जिससे सरकार की योजनाएं भी प्रभावित होंगी.
क्या कहते हैं जीपीएस
लगभग एक वर्ष से सरकार की ओर से कोई फंड नहीं आया है, इसी कारण पंचायतों को राशि नहीं भेजी जा सकी है. जैसे ही सरकार द्वारा फंड आवंटित किया जाएगा, पंचायतों को तत्काल राशि भेज दी जाएगी.-राजीव कुमार, जीपीएस (पोड़ैयाहाट)B
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

