जयेष्ठ अमावश्या व शनिदेव जयंती के उपलक्ष्य पर मंगलवार की देर शाम पथरगामा के चिहारो पहाड़ स्थित शनि मंदिर में शनिदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गयी. पंडित रविकांत मिश्र ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ फल-फूल नौवेद्य से न्याय के देवता शनिदेव की पूजा-अर्चना की. पूजन में शनिदेव के सामने 108 दीप जलाये गये साथ ही तेल अर्पण किया गया. पूजन के पश्चात श्रद्धालु भक्तजनों के बीच महाप्रसाद में खीर व लड्डू का वितरण किया गया. पुजारी रविकांत मिश्र ने बताया कि शनिदेव न्याय प्रिय देवता हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव का सभी नवग्रहों में अहम स्थान है. वे लोगों को उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनायी जाती है. कहा कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा-उपासना करना चाहिए. कहा कि इस बार शनि जयंती पर कई शुभ योग के निर्माण होने से इसका महत्व और बढ़ गया है. मान्यता है कि शनि देव मंत्रों के जाप से शनि देव प्रसन्न होकर विशेष कृपा प्रदान करने के साथ साथ भक्तों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या तथा शनि की महादशा से राहत प्रदान करते हैं.
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