महिला कॉलेज, गोड्डा के होम साइंस विभाग में न्यूट्रिशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फलों और सब्जियों से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार करने एवं उन्हें सुरक्षित रखने की तकनीकों पर जानकारी प्रदान करना था. कार्यक्रम का उद्घाटन जेपी विश्वविद्यालय, छपरा के पूर्व कुलपति डॉ. फारूक अली, महिला कॉलेज की प्राचार्या प्रो. सुमन लता, गोड्डा कॉलेज की प्राचार्या प्रो. स्मृति घोष, टीआर के प्रो. दिनेश प्रसाद यादव, प्रो. बृजेश मिश्रा, होम साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा कुमारी एवं आयोजन समिति की सचिव डॉ. विभा राय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया. कार्यशाला के तहत एक गोष्ठी सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. फारूक अली ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फलों एवं सब्जियों के उपयोग की महत्ता पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि केले और संतरे के छिलके, भुट्टे की बालियां, आम व बेल जैसे अनुपयोगी समझे जाने वाले भागों से भी पोषक एवं स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ तैयार किए जा सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे नवाचारों से स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं. डॉ. अली ने यह भी कहा कि यदि स्थानीय उत्पादों को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया जाए, तो उनका उपयोग गैर-मौसमी समय में भी किया जा सकता है, जिससे आर्थिक लाभ के साथ-साथ पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है. कार्यक्रम के दौरान कॉलेज की प्राचार्या प्रो. सुमन लता एवं गोड्डा कॉलेज की प्राचार्या प्रो. स्मृति घोष ने भी अपने विचार साझा किए. सभा का संचालन डॉ. विभा राय और रेखा सिंह ने संयुक्त रूप से किया. इस कार्यशाला से छात्रों और स्थानीय प्रतिभागियों को खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण के आधुनिक तरीकों की जानकारी प्राप्त हुई, जो भविष्य में स्वरोजगार एवं पोषण के क्षेत्र में सहायक सिद्ध हो सकते हैं. शॉल व बुके देकर अतिथियों का सम्मानपूर्वक स्वागत: कार्यशाला के दौरान कॉलेज की ओर से आए हुए अतिथियों का पारंपरिक रूप से शॉल ओढ़ाकर एवं पुष्प भेंटकर स्वागत किया गया. इस अवसर पर कॉलेज की छात्राओं अनिषा कुमारी, कुमारी ज्योति और ज्योति कुमारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किये.
छात्राओं ने सीखे जैम, चिप्स एवं डेज़र्ट डिश तैयार करने के व्यावहारिक तरीके
कार्यशाला में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से पधारे शोधार्थी विजयालक्ष्मी, गुलप्सा परवीन, शांति कुमारी, नितेश कुमार, छोटू कुमार चंदन एवं राहुल कुमार के संरक्षण में लगभग सौ छात्राओं ने व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रशिक्षण के अंतर्गत उन्होंने केले के चिप्स, नारंगी के छिलके से कैंडी, बेल का जैम एवं अन्य पौष्टिक और स्वादिष्ट खाद्य उत्पादों को तैयार करने की विधियां सीखीं. प्रशिक्षण में भाग लेने वाली प्रमुख छात्राओं में आरती, टेरेसा, सगुफा, आध्या कुमारी, सरस्वती कुमारी, अफसा, मेहरून, अन्नू झा, अन्नू कुमारी, सोनेलता मरांडी, सोनम कुमारी, ज्योति, सोहा, राखी, पूजा, कहकशां, हुमा तसलीन, मोहिल आदि के नाम उल्लेखनीय हैं.शिक्षकों की सक्रिय उपस्थिति
इस अवसर पर प्रो. संजू सिंह, संगीता कुमारी, नूतन झा, सुहागिनी मरांडी, पूनम झा, नीलम कुमारी, राजेश भारती, विपिन कुमार, संजीव कुमार, अरविंद यादव, विभा सिंह, संध्या मिश्रा, श्वेता कुमारी, सांवरा तबस्सुम, सुधीर कुमार, ललन झा, कौशल किशोर, मनोज कुमार के साथ-साथ गोड्डा कॉलेज से प्रो. नूर नबी विशेष रूप से मौजूद थे.
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