गोड्डा शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक नो-एंट्री नियम लागू किया है. बावजूद इसके, इस नियम का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है. भारी वाहन जैसे बालू लदे ट्रक, हाइवा, पिकअप वैन तथा सीमेंट लदे ट्रक शहरी क्षेत्रों में बेधड़क घुस रहे हैं, जिससे मुख्य मार्गों पर रोजाना जाम की स्थिति बन रही है. खासकर सरकंडा चौक, पथरा चौक, गोड्डा कॉलेज के सामने और पाकुड़ रोड जैसे व्यस्त इलाकों में जाम लगना आम बात हो गयी है. स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन से नो-एंट्री नियम के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. उनका कहना है कि वाहन चालकों से कभी-कभी जुर्माना वसूला जाता है, लेकिन यह प्रभावी नहीं हो पाता. इस कारण एम्बुलेंस, स्कूल बस और अन्य जरूरी सेवाओं की आवाजाही बाधित हो रही है. नो-एंट्री वाले मार्गों में करीब दस सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान तथा कई कोचिंग सेंटर मौजूद हैं. भारी वाहनों के प्रवेश से न केवल बच्चों की सुरक्षा खतरे में है, बल्कि ओवरलोडिंग के कारण सड़कें भी तेजी से खराब हो रही हैं. सरकंडा चौक से दोमुंही चौक तक सड़कें बड़े गड्ढों से भरी हुई हैं, जो आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हैं. निवासियों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की अपील करते हुए चेतावनी दी है कि यदि नियम का सख्ती से पालन नहीं कराया गया तो आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा. ट्रैफिक पुलिस को नो-एंट्री नियम के प्रभावी पालन के लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी गयी है, ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके और दुर्घटनाओं को रोका जा सके.
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