महागामा के कसबा स्थित उम्मूल मोमिन आयशा लिल बनात मदरसा में छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष चल रहा धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है. परिवार ने प्रशासन और पुलिस की कमजोर कार्रवाई और न्याय की दिशा में कोई ठोस पहल न होने के कारण 9 सितंबर से धरना दिया था. लेकिन मामला अब तक सुलझने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे परिवार एवं ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. इस कारण धरना प्रदर्शन को फिलहाल स्थगित किया गया है. मामले की जानकारी मिलने पर राज्य के श्रम एवं नियोजन मंत्री संजय प्रसाद यादव मृतका के परिजनों से बिहार में उनके निवास स्थान पर जाकर मिले और न्याय दिलाने का भरोसा दिया. मंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और शीघ्र निष्पक्ष जांच करायी जाएगी. धरना का नेतृत्व कर रहे आफताब आलम ने बताया कि अगर एक सप्ताह के भीतर छात्रा की मौत की हत्या या आत्महत्या की सही जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई, तो वे पुनः आमरण अनशन करेंगे. समाजसेवी राजीव रंजन भगत ने मदरसे की अवैध संचालन व्यवस्था और विदेशी फंडिंग को लेकर गंभीर सवाल उठाये हैं. उन्होंने बताया कि इस मदरसे का न तो किसी बोर्ड से पंजीकरण है और न ही यूडीएस कोड, फिर भी यहां लगभग 1500 लड़कियों को पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है और कहा कि बिना गृह मंत्रालय के आदेश के मदरसे को विदेशी फंडिंग कैसे मिल रही है, इसकी जांच ईडी द्वारा की जानी चाहिए. परिजन और समाजजन न्याय की पूरी उम्मीद के साथ प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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