राजमहल कोल परियोजना के राजमहल हाउस में मंगलवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन की एक अहम बैठक आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता रामस्वरूप ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में एटक यूनियन के सचिव रामजी साह उपस्थित थे. बैठक में वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर श्रमिक और किसान विरोधी नीतियों को अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार पुराने श्रम कानूनों को समाप्त कर नये श्रम कोड को लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है, जो पूरी तरह से मजदूर विरोधी है. उन्होंने चार नये श्रम कोड को काला कानून करार देते हुए कहा कि इससे मजदूरों के अधिकार सीमित हो जाएंगे और वे प्रबंधन के शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाएंगे. रामजी साह ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है, जिससे देश की सार्वजनिक इकाइयां बंद होने के कगार पर पहुंच गयी है. इसका सीधा असर देश के मजदूर और किसानों पर पड़ रहा है, जो इन गलत नीतियों से त्रस्त हैं. उन्होंने बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर नौ जुलाई को राजमहल कोल परियोजना में कोयला खनन और डिस्पैच कार्य पूरी तरह से बंद रहेगा. उन्होंने सभी मजदूरों से इस बंदी को सफल बनाने की अपील करते हुए कहा कि एकजुटता से ही सरकार पर दबाव बनाकर मजदूर और किसान विरोधी नीतियों को रोका जा सकता है. बैठक में जय राम यादव, प्रदीप पंडित, गुरु प्रसाद हाजरा, अहमद अंसारी, महेंद्र हेंब्रम, अली हुसैन, उमाकांत पंडित, खगेंद्र महतो, अरविंद पांडे, रणधीर सिंह सहित कई यूनियन प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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