छोटानागपुरी कुड़मी जनजाति परिषद संथालपरगना (गोड्डा इकाई) की ओर से आगामी 20 सितंबर को रेल रोको आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया जाएगा. इस संबंध में परिषद की ओर से एसडीओ गोड्डा तथा रेलवे कार्यालय गोड्डा को सूचनार्थ आवेदन सौंपा गया है. आवेदन में कहा गया है कि कुड़मी समुदाय को 1950 की अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल नहीं किया जाना एक ऐतिहासिक भूल है, जिसकी भरपाई अब तक नहीं की गयी है. परिषद का कहना है कि 6 सितंबर 1950 को जारी द शेड्यूल ट्राइब ऑर्डर में कुड़मी समुदाय का उल्लेख छुट गया, जबकि यह समुदाय 1931 और उससे पूर्व के रिकॉर्ड में आदिवासी समुदाय के रूप में अनुशंसित रहा है.
75 वर्षों से समुदाय को है न्याय की प्रतीक्षा
परिषद ने आरोप लगाया कि बीते 75 वर्षों से इस ऐतिहासिक त्रुटि को सुधारने की मांग की जाती रही है, लेकिन न तो राज्य सरकारों ने और न ही केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया. बार-बार इस विषय को अनावश्यक रूप से राज्य सरकार या टीआरआई को डायवर्ट कर दिया जाता है, जिससे समाधान की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है. परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि एसटी सूची में शामिल किये जाने की सभी आवश्यक अहर्ताएं कुड़मी समुदाय पहले से ही पूरी करता है, इसके बावजूद समुदाय को सूची से बाहर रखा जाना अन्यायपूर्ण है.100 स्थानों पर रेल रोको आंदोलन
उपेक्षा से आहत होकर कुड़मी समुदाय ने फैसला लिया है कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के छोटानागपुर क्षेत्र के लगभग 100 स्थानों पर 20 सितंबर को रेल परिचालन को बाधित किया जाएगा, ताकि सरकार को एक बार फिर चेताया जा सके. छोटानागपुरी कुड़मी जनजाति परिषद संथालपरगना इकाई की बैठक में आंदोलन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में संयोजक संजीव कुमार महतो, रविंद्र महतो, देवेंद्र महतो और दिनेश कुमार महतो समेत कई सदस्य उपस्थित थे. सभी ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर जनसम्पर्क अभियान तेज करने की बात कही.
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