बसंतराय प्रखंड मुख्यालय के सभागार में मंगलवार को मनरेगा योजना अंतर्गत संचालित वित्तीय वर्ष 2024-25 की योजनाओं की सामाजिक अंकेक्षण जन सुनवाई का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख अंजर अहमद ने की, जबकि मुख्य रूप से मनरेगा लोकपाल पूनम कुमारी, डीआरडीए-एपीओ अनीता कुमारी, डीआरपी रामजीवन अहाड़ी, सोशल ऑडिट टीम की अंजु कुमारी, जिप सदस्य एहतेशाम उल हक और अरशद वहाब सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. जनसुनवाई के दौरान अबुआ आवास, शौचालय, पशु शेड, कूप निर्माण, भूमि समतलीकरण, तालाब निर्माण, पौधरोपण और मेढ़बंदी जैसी योजनाओं की पंचायतवार समीक्षा की गयी. इस दौरान योजनाओं में कई अनियमितताएं सामने आयीं, जिनमें सबसे गंभीर मामला पशु शेड निर्माण, मजदूरी भुगतान में देरी, जॉब कार्ड गड़बड़ी और मांगे गये कार्यों की पूर्ति में लापरवाही से जुड़ा रहा.
75 मामलों पर सुनवाई, जुर्माना वसूलने का निर्देश
मनरेगा के बीपीओ उज्ज्वल कुमार ने बताया कि जन सुनवाई में कुल 75 मामलों को ज्यूरी के समक्ष लाया गया, जिन पर सुनवाई करते हुए जुर्माना (एनआर राशि कटौती) का आदेश दिया गया. सुनवाई में वित्तीय वर्ष 2024-25 के साथ-साथ 2022-23 एवं 2023-24 के लंबित मामलों को भी शामिल किया गया. ज्यूरी द्वारा पंचायतों में व्यापक अनियमितताओं को देखते हुए रोजगार सेवकों को कड़ी फटकार लगायी गयी, साथ ही कई पंचायत सचिवों और मनरेगा कर्मियों पर आर्थिक दंड लगाया गया. कार्यक्रम में जेई आलोक कुमार, सभी पंचायतों के मुखिया, रोजगार सेवक, जनसेवक एवं बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे. जन सुनवाई के आयोजन से ग्रामीणों को अपनी शिकायतें सीधे मंच पर रखने का अवसर मिला, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही को बल मिला है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

