जिला मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में मां दुर्गा की आराधना विधि-विधान के साथ मनायी गयी. सोमवार की सुबह विभिन्न पंडालों और मंदिरों में बेलभरनी शोभा यात्राएं निकाली गयी. ढोल, तुरही और शंख की ध्वनि से गूंजते माहौल में श्रद्धालु भक्ति में डूबे नजर आये. इसी के साथ सप्तमी पूजा का विधिवत आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया. गोड्डा शहर के बाबूपाड़ा स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर से सुबह बेलभरनी शोभा यात्रा प्रारंभ हुई. यात्रा मूलर्स टैंक तालाब तक पहुंची, जहां विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना के साथ स्नान कराया गया. इसके बाद नवपत्रिका पंडाल में प्रवेश करायी गयी. मां के जयकारों, शंख और ढोल की आवाज से वातावरण भक्तिमय बना रहा. भक्तजन बेलपत्र लेकर माता का आह्वान करते हुए श्रद्धा प्रकट करते रहे. महासप्तमी के दिन महिलाएं कलश और बेलपत्र लेकर जुलूस में शामिल हुईं. रास्ते में दूध और गंगाजल से मार्ग पवित्र किया गया. माता को खिचड़ी और खीर का भोग लगाया गया, जिसके बाद प्रसाद वितरण भी किया गया.मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव में मंदिर से हरना नदी तक शोभा यात्रा निकाली गयी. मन्नत मांगने वाले श्रद्धालुओं ने नदी तट पर पूजा-अर्चना की और कलश बिना हाथ लगाए मंदिर परिसर पहुंचाया.
कुरमन गांव में उल्लासमय भव्य शोभा यात्रा
नगर थाना क्षेत्र के कुरमन गांव में भी श्रद्धा और उल्लास के साथ मां बेलभरनी की शोभा यात्रा निकली गयी. पारंपरिक वेशभूषा में सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं. डोल-नगाड़ों के साथ गंगाजल और दूध से मार्ग पवित्र किया गया. पुरुष श्रद्धालु हाथों में झाड़ू लेकर रास्ते की सफाई करते नजर आये. बेलभरनी पूजा के पश्चात मंदिरों में भक्तों के लिए माता का पट खोल दिया गया, जिससे भक्तों ने दर्शन-पूजन किया. पूरे जिले में मातृ शक्ति की महिमा और भक्ति का सजीव अनुभव रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

