उदासीनता. बालिका उच्च विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की कमी
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छह शिक्षक संवार रहे 911 छात्राओं के भविष्य
उदासीनता. बालिका उच्च विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की कमी उच्च विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का विभागीय दावा खोखला साबित हो रहा है. राइट टू एजुकेशन का भी पालन नहीं किया जा रहा है. गणित, विज्ञान, हिंदी व संस्कृत विषय के शिक्षक नहीं है. रिजल्ट खराब आने का डर छात्राओं को सता रहा है. गोड्डा […]
उच्च विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का विभागीय दावा खोखला साबित हो रहा है. राइट टू एजुकेशन का भी पालन नहीं किया जा रहा है. गणित, विज्ञान, हिंदी व संस्कृत विषय के शिक्षक नहीं है. रिजल्ट खराब आने का डर छात्राओं को सता रहा है.
गोड्डा : हाइ स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की सरकारी दावा खोखला साबित हो रहा है. जिला मुख्यालय के बालिका उच्च विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रहा है. आलम यह है कि छह शिक्षकों के भरोसे 911 छात्राओं की पढ़ाई हो रही है. आधारभूत संरचना की भी कमी है. इस विद्यालय में गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों की बच्चियां शिक्षा ग्रहण करने आती है. नौंवी कक्षा में 428 तथा दसवीं कक्षा में 483 छात्राएं पढ़ाई कर रही है. शिक्षकों का पद सृजन कुल 10 है.
इसमें एक प्रधानाध्यापक समेत सहायक शिक्षक शामिल हैं. लेकिन इस स्कूल को हेडमास्टर तक नहीं है. प्रभारी प्रधानाध्यापक व छह शिक्षक कार्यरत हैं. राइट टू एजुकेशन के तहत 911 छात्राओं में 23 शिक्षकों का होना अनिवार्य है. राइट टू एजुकेशन का पालन नहीं हो रहा है. विद्यालय में विषयवार शिक्षकों का पद सृजित है. केवल उर्दू, अंगरेजी, सोशल साइंस, होम साइंस के शिक्षक हैं. महत्वपूर्ण विषय गणित, विज्ञान, बायोलॉजी, संस्कृत व हिंदी विषय के शिक्षक नहीं हैं. मात्र 11 कमरा है. 23 कमरे की जरूरत है. साइकिल स्टैंड, कॉमन हॉल, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला की व्यवस्था नहीं है. कार्यालय भवन जर्जर है.
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