पांच दिन लगातार हुई बारिश के बाद सोमवार को मौसम साफ हुआ. मौसम साफ होते ही गांडेय के किसान धनकटनी में जुट गये. किसान बारिश में भीग गये धान व खलिहान को दुरुस्त करने की कवायद लग गये हैं. पिछले दिनों हुई झमाझम बारिश से पक चुके धान समेत आलू व अन्य रबी फसल को आंशिक क्षति हुई है. बारिश समाप्त होते ही किसान खेतों में पक चुके धान को काटकर समेटने लगे हैं. किसानों ने बताया कि बारिश से खलिहान भी खराब हो चुका है. खलिहान को दुरुस्त करने के साथ धनकटनी भी शुरु की गयी है. बताया कि धान को काटकर मेढ या सूखे खेत पर रख दिया जा रहा है, ताकि भीग चुकी धान की बालियां खराब ना हो. खेत काटकर जमा बहाया जा रहा है, ताकि पक या पानी में गिर चुके धान को नुकसान ना हो. किसानों की मानें तो समय रहते धान को सुरक्षित नहीं किया, तो काफी नुकसान हो सकता है.
कृषि विभाग से सरकारी स्तर पर बीज उपलब्ध कराने की मांग
मोंथा के प्रभाव से हुई बारिश से धान, आलू, फूलगोभी, बंधागोभी, टमाटर, पालक, हरी मिर्च समेत अन्य खेती को हुए नुकसान को देखते हुए देवरी प्रखंड के किसानों ने कृषि विभाग से सरकारी स्तर पर सरसों, चना, गेहूं व तीसी की खेती के लिए बीज उपलब्ध करवाने की मांग की है. किसान भुवनेश्वर महतो, तितु साव, रामदेव यादव, भीम महतो, लखन वर्मा, बबलू राम, राजकुमार वर्मा, शुक्कर शर्मा, अजय यादव आदि ने बताया कि बारिश से फसल को काफी नुकसान पहुंची है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है. विभाग से समय पर पर्याप्त मात्रा में गेहूं, सरसों, चना आदि की बीज उपलब्ध करवाने की जरूरत है. बीज मिलने से किसानों को सहूलियत होगी. प्रखंड कृषि पदाधिकारी संजय कुमार साहू ने बताया कि विभाग ने कहा कि सरसों, चना व गेहूं का बीज उपलब्ध करवाने की मांग की गयी है. अभी तक बीज नहीं मिला है. आवंटन मिलते ही किसानों को बीज उपलब्ध करवा दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

