सोमवार को पूरे विधि-विधान के साथ बेलभरणी को लाकर दुर्गा मंडप में स्थापित किया गया. महतोटांड़ के ग्रामीण इस कार्यक्रम में सक्रिय योगदान देते हैं. बेलभरणी महतोटांड़ के खागीलाल राय के घर से आज भी आता है. शुरुआत में मंदिर के संस्थापक और वार्षिक पूजा संचालकों में से एक खागी राय भी थे. बाद में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया. इसमें मोहन साव व मिर्जागंज वासियों का योगदान रहा.
मंदिर बनने के बाद भी महतोटांड़ की नहीं हुई
अनदेखी
मंदिर बनने के बाद भी महतोटांड़ के सहयोग की अनदेखी नहीं की गयी. आज मिर्जागंज की पूजा जमुआ में ही नहीं बल्कि पूरे जिले में चर्चित है. यहां की भव्यता और कार्यक्रम हमेशा सुर्खियां बटोरती हैं. विजय राय व बिरंची राय ने बताया कि बदडीहा में सभी मनोकामना पूरी होती है. कहा कि इस मंदिर का उनके पूर्वजों से लगाव है.
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