डुमरी प्रखंड की महत्वपूर्ण सड़क केबी रोड से प्रखंड की एक बड़ी आबादी का आवागमन रोजाना होता है. प्रखंड की लगभग 60 हजार की आबादी को प्रखंड, अनुमंडल और जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले केबी रोड पर विभिन्न नदी-नालों पर बने संकीर्ण पुल हादसे को आमंत्रण दे रहे हैं. उक्त सड़क पर पुल के संकीर्ण होने से वाहनों की आवाजाही में हो रही असुविधा के कारण सफर जानलेवा बनता जा रहा है. समय रहते इन पुराने संकीर्ण पुलों की चौड़ाई नहीं बढ़ायी गयी, तो एक बड़े हादसे के अंदेशा से नकारा नहीं जा सकता है.
व्यापक कनेक्टिविटी
यह मार्ग प्रखंड की आठ पंचायतों को शहर और बाहर से कनेक्ट करती है. यह पथ और इस पर बने पुलों का निर्माण करीब एक दशक पूर्व आरइओ विभाग ने कराया था. ग्रामीण पथ होने के कारण पथ और इस पर बने पुलों की चौड़ाई 10 फीट थी. करीब एक दशक पूर्व इस पथ को पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया गया था. इसके बाद विभाग ने उस पथ की चौड़ाई 18 फीट कर दी थी, पर इन पुराने संकीर्ण पुलों की चौड़ाई आज भी दस फीट ही है. इस पथ पर सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन रोजाना होता है. पुल संकीर्ण रहने के कारण सड़क पर चल रहे वाहनों को आवागमन में काफी कठिनाई होती है. इसके समीप दोनों तरफ से आने जानेवाली गाड़ियों में से एक को रुकना पड़ता है.विधायक से की मांग
जानकारी के अनुसार इस पथ पर सेवाटांड़ के समीप बिडपॉक नाला, तेलखारा के समीप कठजोड़वा नाला, मंझलाडीह के समीप बैराह नाला, बसोकांडों के समीप नाला पर पुल बना है. ये सभी पुल काफी पुराने होने के साथ संकीर्ण हैं. जेएलकेएम नेता रामेश्वर महतो का कहना है कि सेवाटांड़ के समीप बना पुल काफी संकीर्ण है. यहां आये दिन हादसे होते रहते हैं. पुल को चौड़ा नहीं किया गया, तो कभी भी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है. चेंगड़ो निवासी रोहित चौधरी का कहना है कि पुल के संकीर्ण होने से वाहनों के परिचालन में काफी समस्या होती है. यह जानकारी ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को दी है. उन्होंने कहा कि इसका निराकरण अविलंब किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है