डीसी ने उच्च व उच्चतम न्यायालय से संबंधित वादों में प्रति शपथ पत्र दायर किये जाने की विभागवार समीक्षा के अलावा विभागवार लंबित मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिये. डीसी ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित वादों की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट की जानकारी प्राप्त की और वादों के त्वरित निष्पादन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया. डीसी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि न्यायालयों में लंबित वादों के त्वरित निष्पादन के लिए समुचित तथ्यों के साथ प्रभावी प्रतिवेदन न्यायालयों में यथासमय समर्पित किया जाना अनिवार्य है. इसके अलावा निर्देश दिया कि प्रत्येक वाद की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और आवश्यकतानुसार विधिक परामर्श प्राप्त कर तदनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि विधिक प्रक्रियाओं में शिथिलता न हो और सभी संबंधित अधिकारी अपने स्तर से उत्तरदायित्व का समुचित निर्वहन करते हुए न्यायालयीन वादों के निष्पादन गंभीरता से करें. आपूर्ति विभाग, समाज कल्याण, भू अर्जन, शिक्षा विभाग, नगर निगम, प्रखंड एवं अंचल से संबंधित अधिकांश मामले थे.
किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी
डीसी ने लंबित वादों की समीक्षा करते हुए कहा कि वे मामलों का ससमय निष्पादन कराने हेतु शपथ पत्र दायर करके त्वरित रूप से कार्रवाई करें. न्यायालय के लंबित मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने गंभीर और जटिल मामलों को अविलंब संज्ञान में देने की बात कही ताकि त्वरित तरीके से उसका हल निकाला जा सके. मौके पर डीडीसी स्मृता कुमारी, अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरूआ, गिरिडीह व बगोदर-सरिया के अनुमंडल पदाधिकारी गिरिडीह समेत संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी, विधि शाखा, जिला उप रजिस्ट्रार, सभी बीडीओ, सीओ सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

