लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. बारिश के पूर्व डालने वाले किसानों का बिचड़ा खेत में सड़ जाने से उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. कृषक एक बार फिर अच्छी खेती की उम्मीद में पुनः धान का बीज खरीदकर खेत की जुताई कर अछरा लगाने में जुट गये हैं. कृषक प्यारी सिंह, अनवर अंसारी, भागीरथ सिंह, रहमान अंसारी आदि ने बताया कि अछरा लगाकर एक बार फिर रिस्क लेना मजबूरी है. देर से ही सही अछरा के बाद बिचड़ा अच्छा निकला, तो अगस्त में धनरोपनी की जायेगी. हालांकि कुछ इलाके में रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालनेवाले किसान धनरोपनी भी शुरू कर चुके हैं. लेकिन, प्रखंड के अधिकांश इलाके में बारिश के कारण अभी तक मकई, मूंग, अरहर आदि की रोपाई नहीं हो सकी है.
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