बाल विवाह मुक्त विश्व अभियान के तहत चलाये जा रहे वैश्विक अंतर धार्मिक सप्ताहांत अभियान (12-14 सितंबर) के तहत शनिवार को झारखंडधाम के धर्मगुरुओं ने बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का वचन दिया. पुजारी निधि पंडा ने भक्तों को जागरूक करते हुए कहा कि बाल विवाह एक अपराध है. बाल विवाह से शिक्षा व स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इसे रोकना बहुत जरूरी है. झारखंडधाम परिसर में बाल विवाह पूर्णतः प्रतिबंधित है. उम्र का पता लगाने तथा उम्र संबंधित प्रामाणिक दस्तावेज लेने के बाद ही विवाह की पर्ची काटी जाती है. जनार्दन पंडा ने अपने संदेश में कहा कि हमारे शास्त्रों में बेटियों को गृह लक्ष्मी समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक मानते हैं. उन्हें समय से पहले विवाह के लिए वाद्य करना विवाह जैसे पवित्र विश्वास का अपमान है. उदय कुमार पंडा ने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करना केवल बेटियों की रक्षा करना नहीं है, यह भारत के भविष्य की रक्षा करना है. कहा कि विवाह शिक्षा और परिपक्वता के बाद ही होनी चाहिये. बाबा मंदिर में बाल विवाह पूरी तरह निषेध है. बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने कहा कि बाल विवाह मुक्त अभियान अब सिर्फ भारत में नहीं, अपितु यह अभियान दुनिया के 100 से अधिक देशों में चल रहा है. यह कार्यक्रम चाइल्ड मैरिज फ्री वर्ल्ड अभियान का हिस्सा है. बनवासी विकास आश्रम देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है. जेआरसी के 250 से भी ज्यादा सहयोगी संगठन देश के 418 जिलों में बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन शोषण और बच्चों की ट्रैफिकिंग के खिलाफ काम कर रहा है.
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