हड़ताल के समर्थन में भाकपा-माले से संबद्ध झारखंड मजदूर किसान सभा ने जमुआ मार्ग चौराहे को जाम कर चार लेबर कोड वापस लेने व नाइजर में अपहृत बगोदर के प्रवासी मजदूरों की सकुशल वापसी की मांग की. माले के जिला सचिव अशोक पासवान ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मजदूरों का हक छीनने में लगी है. चार लेबर कोड लागू करने का निर्णय अडानी, अंबानी जैसे बड़े कॉरपोरेट घरानों के हित में है. आम जनता के बुनियादी, लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों पर अंकुश लगाने के साथ साथ मजदूरों के न्यायोचित धरना-प्रदर्शन और हड़ताल पर पाबंदी लगाकर जनवादी आंदोलनों को कुचलने की साजिश है. मौके पर राज्य कमेटी सदस्य मीना दास, जिप सदस्य विजय पांडेय, रीतलाल वर्मा, भागीरथ पंडित, असगर अली, रंजीत यादव, लखन हांसदा, रामेश्वर ठाकुर, मो राजा, बाबूलाल वर्मा, अरुण वर्मा, मालती देवी आदि मौजूद थे.
चार घंटे यातायात रहा प्रभावित
बिरनी में मजदूर विरोधी कानून के खिलाफ व नाइजर में अपहृत बगोदर के पांच मजदूर मुक्त कराने की मांग को लेकर बुधवार को भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने सुबह लगभग आठ बजे से सरिया-राजधनवार रोज जाम कर दिया. जाम के कारण छोट-बड़े वाहनों की कतार लग गयी. जाम के कारण लोगों को परेशानी हुई. दोपहर 12 बजे जाम समाप्त किया गया. इस तरह चार घंटे यातायात प्रभावित रहा. इस दौरान सरकारी व गैर सरकारी स्कूल व बाजार आम दिनों की तरह ही खुले रहे. नेतृत्व माले के प्रखंड सचिव शेखर शरण दास के नेतृत्व में किया गया. पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य सीताराम सिंह, प्रमुख रामू बैठा, गोपाल पंडित, मुस्तकीम अंसारी, रामविलास पासवान, सहदेव यादव, पिंटू यादव, संतोष दास ,रामसहाय यादव, सीताराम पासवान, राजेश विश्वकर्मा, विष्णुदेव वर्मा, राजद के प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन यादव, सुखदेव यादव आदि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

