इस दौरान चार श्रम कोड की प्रतिलिपि जलायी गयी. अविलंब इस काला कानून को सरकार वापस से वापस लेने की मांग की. बीएसएसआर के सैकड़ों सदस्य डॉक्टर लेन से रैली निकलकर जिला श्रमायुक्त कार्यालय पहुंचे और प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में चार श्रम कोड को तुरंत वापस लेने, एसपीइएक्ट 1976 की पुनर्बहाली आदि शामिल है. यूनियन के राज्य सचिव कामरेड मृदुल कांति ने बताया कि 21 नवंबर की रात चार श्रम कोड लागू कर केंद्र सरकार ने देश के 70 करोड़ श्रमिक व कर्मचारियों के हितों पर हमला किया है.
पूंजीपतियों को होगा फायदा
यह एक काला कानून है. इससे मालिक और पूंजीपतियों को फायदा और श्रमिकों का शोषण होगा. इस कानून से नौकरी की सुरक्षा कमजोर होगी, ट्रेड यूनियनों की शक्ति में कमी आयेगी, सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थल सुरक्षा का कमजोर क्रियान्वयन होगा, काम के घंटों का भार, उल्लंघन पर पूंजीपतियों के लिए नियमों में सजा का कोई प्रावधान नहीं होगा. मौके पर सैकड़ों मेडिकल सेल्स रिप्रजेंटेटिव मौजूद थे.
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