महासंघ के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने कहा कि कृषक मित्रों पिछले 15 वर्षों से आत्मा परियोजना, कृषक, सहकारिता, भूमि संरक्षण, गव्य विकास, पशुपालन, मत्स्य, उद्यान, मनरेगा, आपदा व स्वास्थ्य विभाग, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, मुख्यमंत्री खुशहाली योजना, मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना, मिट्टी जांच, कोविड महामारी से लड़ने समेत कई कार्य करते आ रहे हैं. लेकिन, आज तक कृषक मित्रों को सम्मानजनक मानदेय नहीं मिला. इसके कारण कृषक मित्रों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गयी है. राज्य के कई कृषक मित्रों की जान आर्थिक तंगी के चली गयी. यह अत्यंत पीड़ादायक व दुखद है.
मांग पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल
कहा कि जब तक कृषक मित्रों का सम्मानजनक मानदेय लागू नहीं हो जाता है तब तक हड़ताल जारी रहेगी. बीते दिनों मंत्री परिषद की बैठक में कृषक मित्रों की प्रोत्साहन राशि 24000 वार्षिक करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अभी तक इसका भुगतान नहीं हो पाया. श्री यादव ने कृषक मित्रों का न्यूनतम मानदेय लागू करने, जनसेवक के पद पर 50 प्रतिशत बहाली में आरक्षण देने व कृषक मित्रों को बीमा का लाभ देने की मांग की. इसके बाद कृषक मित्रों ने राज्यपाल के नाम डीसी को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. मौके पर बसंती देवी, राजेश प्रसाद, गौरीशंकर सिंह, किरण देवी, नरेश राय, घनश्याम कुशवाहा, महेंद्र सिंह, गंगाधर महतो, बोधन यादव, अशोक यादव, केदार मिस्त्री, रामकिशुन वर्मा, रामकुमार वर्मा, संत यादव, अजय राय, अजय चौधरी, बालदेव वर्मा आदि मौजूद थे.
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