गिरिडीह : गिरिडीह में एक युवक ने अपनी मां के साथ मिलकर एक घर में लूटकांड की घटना को अंजाम दिया. दरअसल वह शख्स ऑनलाइन गेम के चक्कर में साढ़े चार लाख रुपये चुका था. इस वजह उन्होंने यह घटना को अंजाम दिया. ये बातें सरिया थाना क्षेत्र के अछुआटांड़ में बीते दो मार्च को एक घर में हुए लूटकांड खुलासा करते हुए पुलिस ने कही है. पुलिस पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता में बताया कि शिकायतकर्ता ही घटना का मास्टर माइंड है.
ऑनलाइन गेम के चक्कर में गंवाये साढ़े 4 लाख रुपये
सरिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धनंजय राम और थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि ऑनलाइन गेम के चक्कर में साढ़े चार लाख रुपये गंवाने के बाद शिकायतकर्ता ने अपनी मां के साथ मिल कर लूट की कहानी रची. पत्रकार सम्मेलन में बताया गया कि दो मार्च को हुए इस लूटकांड की घटना को स्वयं भुक्तभोगी और उसकी मां ने रचा था. पुलिस ने इस घटना को लेकर भुक्तभोगी द्वारा दिये आवेदन के आलोक में चोरी का मामला दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू किया.
पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी : Golden Dome: गोल्डन डोम करेगा अमेरिका की रक्षा, किन देशों के पास है ऐसी तकनीक
ऑनलाइन गेम खेलने की लगी थी लत
जांच के क्रम में पता चला कि आवेदक जीतेंद्र कुमार मंडल को ऑनलाइन गेम खेलने की लत लगी हुई थी. इस दौरान बीते चार माह के अंदर लगभग साढ़े चार लाख रुपये ऑनलाइन गेम के चक्कर में वह गंवा दिया. इसमें हारे हुए पैसे का एक हिस्सा इसकी शादी के लिए मिले दहेज का एक भाग था. ज्यों ज्यों शादी की तारीख नजदीक आती जा रही थी, परिजन उससे शादी की तैयारी व खरीदारी के लिए पैसे की मांग करने लगे. वह सारा पैसा ऑनलाइन गेम में वह हार चुका था. इधर दबाव बढ़ने पर जितेंद्र कुमार मंडल ने अपनी मां को पैसे खत्म हो जाने की घटना की जानकारी दी और पैसे के लिए ज्यादा दबाव बनाने पर आत्महत्या कर लेने की धमकी दी.
पुत्र मोह के चक्कर में मां भी अपराध में हुई शामिल
मां भी पुत्र की ममता और मोह के चक्कर में उसके द्वारा बनायी गयी लूट व चोरी की कहानी में शामिल हो गयी. उन लोगों ने घर में बंधक बनाकर एक लाख 74 हजार रुपये की लूट, 400 ग्राम चांदी और तीन ग्राम सोने के जेवर की चोरी की कहानी रची.
Also Read: गिरिडीह में व्यवसायी के घर पर अपराधियों ने डाला डाका, जेवरात समेत 10 लाख रुपये लूटकर चलते बने
सीडीआर निकालने के बाद परत दर परत हुआ खुलासा
एसडीपीओ ने बताया कि पीड़ित द्वारा बार बार बयान बदले जाने, उसके बैंक खाते की जांच करने और टेक्निकल सेल द्वारा उसके मोबाइल का सीडीआर निकालने के बाद परत दर परत मामले का खुलासा होता चला गया. उक्त बातों की स्वीकृति घटना के मास्टर माइंड सह वादी जीतेंद्र कुमार मंडल, उसकी मां व दिव्यांग पिता ने दी.
एसआइटी का किया गया था गठन
बतातें चलें कि इस घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एसपी के निर्देश पर एसआइटी का गठन किया गया था. इसकी अगुवाई एसडीपीओ धनंजय कुमार राम कर रहे थे. टीम में इंस्पेक्टर ज्ञान रंजन, थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह, पुलिस अवर निरीक्षक योगेश कुमार महतो, सहायक अवर निरीक्षक श्रवण कुमार सिंह को शामिल किया गया था.

