डेढ़ वर्ष पूर्व मुखिया के पति ने अबुआ आवास दिलाने के नाम पर 30000 रुपये की मांग की थी. मैंने ब्याज पर पैसा लेकर पहले दस हजार रुपये ऑनलाइन दिया. जब अबुआ आवास देने के लिए बैंक पासबुक और आधार कार्ड देने मेरी पत्नी गयी तो उस समय मुखिया अनिता देवी ने फिर दस हजार रुपये लिये.
तब सभी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया गया. पहली किश्त आने पर पहले मुखिया का देवर मेरे घर आकर दस हजार रुपये ले गया. कहा कि आज दो वर्ष होने को हैं.दूसरी किश्त की राशि भेजने को लेकर मुखिया ने कंप्टयूर ऑपरेटर को यह कहकर मना कर दिया कि लाभुक पुरानी दीवार पह ही अबुआ आवास बना रहा है. आज तक दूसरी किश्त की राशि नहीं मिल पायी है. मामले को लेकर भुक्तभोगी ने कहा कि डीसी, डीडीसी, जिला परिषद अध्यक्ष व बीडीओ के नाम आवेदन देकर फरियाद की मगर उसका दर्द सुनने को कोई तैयार नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मुखिया एवं उनके परिजनों से रुपये वापस दिलाये जायें.
क्या कहते हैं मुखिया के पति
जरीडीह की मुखिया अनिता देवी के पति राजीव रंजन ने कहा कि सहदेव हिंदुस्तानी की पत्नी के नाम पर अबुआ आवास योजना की स्वीकृति 2023-24 में मिली थी. इस दौरान उनकी मां का निधन हो गया. दाह संस्कार के लिए मुझसे 30 हजार रुपये कर्ज यह कहकर लिया कि आवास मिलते ही आपकी राशि वापस कर देंगे.
वही ऑनलाइन के रूप में 10 हजार रुपये दिये. पुरानी दीवार पर आवास का जियो टैग नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि तरह तरह का आरोप लगाया जा रहा है.क्या कहते हैं बीडीओ
जमुआ के बीडीओ अमलजी ने कहा कि यह मामला मेरे आने के पहले का है. लाभुक ने मुझे कोई आवेदन नहीं दिया है. एक वीडियो वायरल होने की बात सामने आ रही है. इसकी पंचायत सेवक से जांच कराने के बाद ही वे कुछ कह सकते हैं.उन्होंने सभी अबुआ व पीएम आवास के लाभुकों को निर्देशित किया है कि अगर कोई रिश्वत किसी योजना दिलाने के नाम पर मांगता है, तो मुझे गुप्त रूप से इसकी जानकारी दें ताकि इस परंपरा को तोड़ा जा सके.
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