जमुआ की प्रमुख मिष्टू देवी, उप प्रमुख रब्बुल हसन रब्बानी व बीस सूत्री अध्यक्ष जुनैद आलम की टीम ने शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के पोबी पंचायत में मनरेगा योजना से संचालित डोभा व अबुआ आवास की जांच की. इसमें भारी अनियमितताएं सामने आयीं. टीम ने पंचायत में संचालित योजनाओं की बारीकी से जांच की.टीम के सदस्यों ने कहा कि सरकार की जनहित योजना मनरेगा में लूट अब चलने नहीं दी जाएगी. कहा कि अबुआ आवास और पीएम आवास का चयन नियम कानून के तहत नहीं किया गया है. मनरेगा योजना व डोभा के निर्माण में पंचायत के मनरेगा मजदूरों द्वारा काम नहीं कराया जा रहा है. इसमें दूसरे प्रखंड़ के मजदूर काम करते पाये गये हैं. कहीं गढ्डे को डोभा का आकार दे दिया गया है तो कहीं काम से ज्यादा राशि का भुगतान करा दिया गया है. इसमें कनीय अभियंता के बिना स्थल सत्यापन के राशि का भुगतान किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. तूलो अंसारी की जमीन पर हुए डोभा के निर्माण को रोजगार सेवक, कनीय अभियंता और सहायक अभियंता ने पूर्ण बताया है. उपरोक्त स्थल पर डोभा की गहराई मात्र 3 फीट पायी गयी है, जबकि इसमें निकासी 3 लाख से अधिक की हो चुकी है. कहा कि कमलेश कुमार के नाम पर डोभा निर्माण की योजना को मनरेगा से संबंधित कर्मी ने पूर्ण बताया है परंतु स्थल का सत्यापन किये जाने पर डोभा का आकार पूर्व से बने गड्ढे में पाया गया है. इसमें घास हटाकर व सीढ़ी बनाकर डोभा का आकार दे दिया गया है. उपरोक्त स्थल पर गांडेय के मजदूर किशुन सोरेन व रघु मुर्मू कार्य कर रहे थे. इसमें योजना स्थल पर बोर्ड लगा नहीं पाया गया है, जबकि इसमें 73 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया है.
क्या कहते हैं बीडीओ
जमुआ के बीडीओ अमलजी ने कहा कि जांच टीम के सदस्यों ने योजना की जांच की है. वे भी इसकी जांच करेंगे. अगर इसमें अनियमितता पायी गयी तो अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है