मंत्री हफीजुल हसन के बयान को लेकर एनडीए नेताओं ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. साथ ही मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है. इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
भाजपा जिलाध्यक्ष बोले- नैतिकता के आधार पर सीएम सोरेन को चाहिए कि वे हफीजुल को पद से हटाएं
भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे ने कहा कि मंत्री हाफिजुल हसन ने कहा है कि वे शरीयत कानून को संविधान से ऊपर मानते हैं. इस तरह का बयान देने वाले मंत्री को संवैधानिक पद पर रहने का कोई हक नहीं है. संविधान से ऊपर किसी धार्मिक कानून को मानने का विचार धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की एकता, कानून की समानता और लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. भारतीय संविधान सर्वोच्च है. भारत का संविधान हर नागरिक को समान अधिकार देता है और कानून का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. चाहे उसका धर्म कुछ भी हो. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नैतिकता के आधार पर हफिज़ुल हसन को अविलंब मंत्री पद से हटाना चाहिए.
महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष बोलीं- जो संविधान को नहीं मानता उसे संवैधानिक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए
महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो विनीता कुमारी ने कहा कि जो संविधान को नहीं मानता उसे संवैधानिक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. वर्तमान की झारखंड सरकार में मंत्री हफीजुल हसन के द्वारा दिया गया विवादास्पद बयान कि वह संविधान से ऊपर शरीयत को मानते हैं. असंवैधानिक है. यह बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के विचारों का अपमान है. जो संविधान को नहीं मानता उसे संवैधानिक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. ऐसे लोग शरीयत के आधार पर देश को चलाना चाहते हैं. झामुमो-कांग्रेस की सरकार को मंत्री हफीजुल को तत्काल मंत्रीमंडल से हटाना चाहिए.
मंत्री हफीजुल हसन के दिल की बात जुबां पर आ ही गयी : प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, भाजपा
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति अध्यक्ष सुरेश साव ने कहा कि मंत्री हफीजुल हसन के दिल कर बात जुबां पर आ ही गया. सत्ता में बैठे ये लोग शरियत कानून लाना चाहते हैं. लेकिन इसकी जगह भारत में नहीं है. अगर भारत में रहना है तो बाबा साहेब के संविधान से ही देश चलेगा. संविधान इनके लिए सिर्फ एक मुखौटा है, असली एजेंडा है तुष्टिकरण की राजनीति. मंत्री का बयान घोर निंदनीय है. झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन की जो सरकार चल रही है उसका असली चेहरा सामने आया है. इसलिए ऐसे मंत्री को अविलंब बर्खास्त कर देना चाहिए. अन्यथा यह समझा जाए कि कांग्रेस और राजद इनके समर्थन में है और वे लोग भी चाहते हैं कि शरीयत कानून यहां लागू हो.
रालोजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- मुख्यमंत्री को मंत्री के बयान पर तत्काल संज्ञान लेने की जरूरत
मंत्री हफीजुल हसन का बयान निंदनीय है. हफीजुल हसन झारखंड सरकार के मंत्री हैं और मंत्री के रूप में शपथ लेते ही उनकी जिम्मेदारी झारखंड के सभी जाति धर्म समुदाय के लिए समान रूप से है. परंतु इस तरह का बयान देकर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी के सफलतापूर्वक निर्वहन पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है. यह समझने की जरूरत है कि संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकारों और उसके नामित मंत्रियों को सेकुलर होने की आवश्यकता है. मंत्री को बयान देने से पहले यह जान लेना चाहिए था कि राजनीतिक जीवन का हर पहलू संविधान द्वारा अंगीकार कायदों के अनुसार ही चल रहा है. मुख्यमंत्री को मंत्री के बयान पर तत्काल संज्ञान लेने और कार्रवाई करने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है