मंगलवार के अंक में प्रभात खबर के द्वारा हाथियों के जंगली इलाके में डेरा डाले जाने पर उत्पात मचाने की आशंका जतायी थी और वन विभाग को हाथियों को भगाने के लिए आगाह भी किया गया था. लेकिन विभाग की सक्रियता नहीं होने से सोमवार की रात सात हाथियों के झुंड ने बेको पंचायत में उत्पात मचाते हुए एक गरीब के आशियाने को उजाड़ दिया. वहीं घर में रखे चावल और आलू को चट कर गये है. पीड़ित कमल साव ने बताया कि हाथियों ने दूसरी बार उसके खपरैल घर को निशाना बनाया है. वहीं घर की दीवार और दरवाजे को भी तोड़ दिया है. इसके अलावे एक पानी टंकी को भी बर्बाद कर दिया. इससे करीब एक से डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हुआ हैं. बताया कि पिछले साल भी नवंबर माह में हाथियों ने मेरे घर को तोड़ दिया था. इस वर्ष फिर से निशाना बनाया. इसके बाद परिवार दूसरी जगह रहने को विवश है. साथ ही गांव के भीम साव का भी खेत में लगे धान की फसल को बर्बाद कर दिया है.
सूचना के बाद भी नहीं पहुंची वन विभाग की टीम
इधर हाथियों के गांव रात में घुसने की सूचना भी ग्रामीणों ने वन विभाग की दी. वहीं किसानों ने समय पर मुआवजा देने की मांग भी की है. इधर हाथियों के उत्पात का जायजा लेने वन विभाग की टीम को सूचना देने के बाद भी नहीं पहुंची. भुक्तभोगी कमल साव का कहना है कि विभाग के द्वारा इस तरह से लगातार लापरवाही बरती जा रही है. इस बाबत पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि इश्तियाक अंसारी ने बताया कि अभी भी बेको के जंगली इलाकों में हाथियों का झुंड डेरा लगाए हुए है. हाथियों के द्वारा रात में गरीब का घर भी उजाड़ दिया. लेकिन विभाग ने इतना भी जरूरी नहीं समझी कि जायजा लेकर पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए आश्वासन दे जो वन विभाग की लापरवाही को दर्शाता है जो भी हाथियों की तबाही से ग्रामीण डरे हुए हैं.
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