बुधवार को जिप अध्यक्ष मुनिया देवी की अध्यक्षता में जैसे ही बैठक शुरू हुई. जिप सदस्यों ने जल नल योजनाप समेत अन्य योजनाओं में अनियमितता का मामला उठाते कहा कि हमलोग भी जनता के जनप्रतिनिधि है, हमलोग भी चुनाव जीतकर आते हैं, लेकिन जिला परिषद के ऑफिस में हमलोगों की एक बात नहीं सुनी जाती है. कई बार ऑफिस का चक्कर काटना पड़ता है. ऐसे में जब हमलोग जनता का कोई काम ही नहीं करवा पाएंगे तो हमारी जरूरत ही क्या है. बैठक के दौरान कई सदस्यों ने अधिकारियों ओर कर्मियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया. हालांकि हंगामे के बीच विभागीय पदाधिकारियों के आश्वासन पर मामला शांत हुआ.
गड़बड़ी की जांच के लिए मांगा समय
जल नल योजना में गड़बड़ी के मामले में डीडब्ल्यूएसडी वन व टू के पदाधिकारी ने कहा कि कहां गड़बड़ी हुई है इसकी जांच के लिये समय चाहिए. इस निहित अधिकारियों ने दो महीने का समय मांगा. वहीं उप विकास आयुक्त ने कहा कि जन नल योजना में 1300 करोड़ की निकासी की बात सामने आ रही है. इस मामले में तीन कार्यकारी एजेंसी को ब्लैकलिस्ट में डाला गया है. बैठक में सभागार सौंदर्यीकरण समेत पानी, बिजली, सड़क, खाद्य आपूर्ति जैसे मामलों पर भी बहस हुई. इधर जिप अध्यक्ष मुनिया देवी ने साफ शब्दों में कहा कि जिला परिषद में हमारी बात नहीं सुनी जाती है क्योंकि राज्य में हमारी सरकार नहीं है. जिस कारण पदाधिकारी मनमानी कर रहे हैं लेकिन हम ये सब चलने नहीं देंगे. उपाध्यक्ष छोटेलाल यादव ने कहा कि बैठक में डीडब्ल्यूएसडी के पदाधिकारियों ने जल नल योजना में गड़बड़ी की जांच व सुधार के लिये दो महीने का समय लिया है. कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना, 15 वें वित्त योजना पर चर्चा हुई. इसके अलावे क्षेत्र के सांसद-विधायक की अनुशंसित सड़क के कार्य की अनुशंसा करने पर जोर दिया गया. मौके पर उप विकास आयुक्त स्मिता कुमारी, सदस्य कुमारी प्रभा वर्मा, सूरज सुमन, विनय शर्मा, केदार हाजरा, हींगामुनि मुर्मू, धनंजय प्रसाद, बैजनाथ महतो, सरिता देवी, पिंकी वर्मा, सालेहा खातून समेत कई मौजूद थे.
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