महासभा के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण दास ने कहा कि यह सामाजिक सम्मेलन है. इसमें सामाजिक कुरुरीतियों को दूर करने, नशा, अंधविश्वास, दहेज प्रथा, रुढ़िवादिता व तलाक को समाप्त करने के लिए आयोजित किया जा रहा है. इसके लिए सामाजिक शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है. कहा कि बाबा साहेब ने शिक्षित होकर संगठित होने और संघर्ष करने का जो मंत्र दिया है, उसे आत्मसात करना पड़ेगा. उन्होंने सभी पंचायत में महासभा की 11 सदस्यीय कमेटी गठित करने पर जोर दिया. कहा कि इसमें कम से कम तीन महिलाओं को अवश्य रखें. संचालन कर रहे दिनेश कुमार दास ने कहा कि कि अभी ये अंगड़ाई है, लड़ाई तो अभी बाकी है. कहा कि हमारा समाज शिक्षित तो जरूर हुआ है, लेकिन संगठित नहीं है. इस कारण वोट के समय दूसरे लोग हमारा गलत फायदा उठाते हैं. शोषण से मुक्ति के लिए शासक बनना जरूरी है. जिला महासचिव मधु राव, जिला प्रवक्ता ललन नागवंशी, जिला निदेशक विजय विद्रोही, महेश दास, लोकनाथ दास, कोलेश्वर दास, शंकर दास, नागेश्वर दास, प्रसाधी दास, सीटन दास, रूपलाल दास आदि ने भी संबोधित किया. इस दौरान समाज की बच्चियों ने झारखंडी नागपुरी नृत्य व गीत प्रस्तुत किया. मुकेश हसमुख व राज विद्रोही ने भी प्रेरक गीत गाये. मौके पर उमेश दास, कार्तिक दास, बासुदेव दास, जितेंद्र रविदास, रामलखन दास, महेंद्र दास, शंभु दास, राजकुमार दास, पवन दास, लोकनाथ दास, कोलेश्वर दास, नागेश्वर दास, केदार दास, राजकुमार दास आदि मौजूद थे.
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