अतिथि दुमका चेंबर ऑफ कॉमर्स और रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष मनोज घोष, चेयरमैन मुश्ताक अली, आरके वर्मा, खेल पदाधिकारी श्री पोद्दार थे. वक्ताओं ने कहा कि टेक्नोलॉजी बाधा नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ा वरदान है. यह इक्कीसवीं सदी का आधार है. चूंकि इक्कीसवीं सदी टेक्नोलॉजी का युग है, जिसमें जितनी सुविधाएं हैं, उतनी ही चुनौतियां हैं. इस युग में बच्चों को सफल होने को चार स्किल पर बहुत विशेष ध्यान होगा. उनकी कम्युनिकेशन क्षमता बढ़ानी होगा. किताबी ज्ञान के अलावा स्किल पर फोकस करना होगा. टेक्नोलॉजी को व्यावहारिक जीवन में प्रयोग लाने के स्किल पर ध्यान देना होगा. इसके साथ ही उनमें संस्कार को भी बनाये रखना होगा. कहा कि सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल झारखंड का पहला ऐसा स्कूल है, जो पूरी तरह लाइफ स्किल और रियल लाइफ लर्निंग पर फोकस करता है. विद्यालय ने भविष्य निर्माण और चुनाैतियों को स्वीकार करने को ले रोबोटिक्स की पढ़ाई कक्षा पहली से ही शुरू कर दिया है. विद्यालय ने अपना करिकुलम ऐसा तैयार किया है, जिससे कि विद्यार्थियों को उनकी क्षमता के अनुसार तैयार किया जा सके. पोद्दार ने सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई के लिए बनायी गयी रूपरेखा की तारीफ की. मनोज घोष ने कहा कि विद्यार्थियों को संस्कार युक्त बनाने में शिक्षकों एवं अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की. आरके वर्मा ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी छात्र की शैक्षणिक प्रगति विषय को याद करने से नहीं बल्कि समझकर पढ़ने से होती है. उन्होंने सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल की सुविधाओं की सराहना की.
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