सरिया बाजार में असामाजिक तत्वों पर नजर रखने तथा आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर विधायक मद से वर्ष 2014-15 में कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. इसका नियंत्रण कक्ष सरिया थाना था. लेकिन, उचित रख-रखाव के अभाव में लाखों रुपये की लागत से लगाए गये सारे सीसीटीवी कैमरे गायब हो गये. थाना में लगाया गया टीवी मात्र अब बचा हुआ है. पुलिस की तीसरी आंख के रूप में सरिया बाजार में झंडा चौक, स्टेशन रोड सरिया, थाना के समीप, काला रोड स्थित मां काली चौक, गणेश मंदिर चौराहा, विवेकानंद मोड़ आदि जगहों पर कैमरा लगाया गया था. उस समय अपराध काफी कम हो गया था. बाइक चोरी सहित अन्य आपराधिक घटनाओं में कमी हुई थी. प्रशासनिक अधिकारियों को अपराधियों की धड़पकड़ में सीसीटीवी कैमरे से काफी मदद मिलती थी.
व्यवसायियों की बढ़ी चिंता
प्रशासनिक अधिकारियों के आग्रह पर व्यवसायियों ने भी अपने प्रतिष्ठानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाये थे. इसका उद्देश्य अपराधियों पर नकेल कसाना खा. देखरेख के अभाव में सरिया बाजार में लगाये गये कैमरे गायब हो गये. इस संबंध में सरिया अंचल निरीक्षक ज्ञान रंजन की मानें तो और असामाजिक तत्व व अपराधियों पर नकेल कसने तथा अपराध पर नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरा बेहद जरूरी है.क्या कहते हैं विधायक
इस संबंध में बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने कहा कि सरिया बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में अपराधियों पर नजर रखने के लिए वर्ष 2014-15 में विधायक मद से उन्होंने सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराने के लिए लाखों रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा लगवाये थे. परंतु, कुछ सालों कैमरे ठीकठाक रहने के बाद, उचित रखरखाव के अभाव में कैमरे खराब पड़े हुए हैं या गायब हो गए हैं. इसे सरकारी राशि का दुरुपयोग माना जाये. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से पुलिस के लिए अपराध पर नियंत्रण के साथ-साथ यातायात नियंत्रण भी चुनौती पूर्ण साबित हो रहा है. इसके लिए पुलिस प्रशासन स्वयं जवाबदेह है. संवाददाता: लक्ष्मी नारायण पांडेयडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है