डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद होने पर जिले के विद्यार्थियों में आक्रोशडिग्री कॉलेजों में 12वीं की पढ़ाई बंद करने के निर्णय ने छात्राओं की परेशानी बढ़ा दी है. शनिवार को इस फैसले के खिलाफ गिरिडीह की आरके महिला कॉलेज की छात्राएं झंडा मैदान में जुटीं और सरकार के विरुद्ध विरोध जताया. छात्राओं ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारों के पोस्टर हाथों में लिए हुए थी. सरकार से उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने की मांग की. उनका कहना है कि इंटर की पढ़ाई उन्होंने आरके महिला कॉलेज में ही शुरू की थी, लेकिन अब अचानक कॉलेज प्रबंधन उन्हें किसी अन्य विद्यालय में नामांकन लेने को कह रहा है. प्रदर्शन कर रही छात्राओं का साफ कहना है कि वे अपने मौजूदा कॉलेज से ही पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं. उनमें से कई छात्राएं आर्थिक रूप से बेहद कमजोर पृष्ठभूमि से आती हैं और नये स्कूल में दाखिला लेने से ना केवल उनका शैक्षणिक क्रम बाधित होगा, बल्कि ड्रेस, किताब, फीस आदि का अतिरिक्त बोझ उन पर भारी पड़ेगा. एक छात्रा ने आक्रोश जताते हुए कहा कि जब हमने 11वीं में दाखिला लिया, तब किसी ने नहीं बताया कि अगले साल हमें कॉलेज से निकाल दिया जायेगा. अब हम कहां जायें.
छात्राओं ने प्लस टू हाइस्कूल के प्राचार्य पर लगाये गंभीर आरोप
छात्राओं ने प्लस हाइस्कूल गिरिडीह के प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने छात्राओं से कहा दो-तीन हफ्ते आंदोलन करो, फिर नामांकन ले लेना. यह बात छात्राओं उन्हें चुभ गयी है, क्योंकि उनके अनुसार जिला प्रशासन पहले ही नामांकन के लिए सकारात्मक संकेत दे चुका है.
नामांकन प्रक्रिया जारी, आरोप बेबुनियाद : प्राचार्य
प्लस टू हाइस्कूल के प्राचार्य दयानंद कुमार ने छात्राओं के आरोपों को निराधार बताया. कहा कि नामांकन की प्रक्रिया चल रही है, इसमें समय लग सकता है, लेकिन किसी भी छात्रा की पढ़ाई नहीं रुकेगी.
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