गिरिडीह : स्पीड पोस्ट से तीन तलाक देने का मामला प्रकाश में आया है. मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के झगरी (शेख भिखारी फुटबॉल मैदान के निकट) का है. पत्नी आरजू परवीन (पति मो़ वसीम) की शिकायत पर मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर का कहना है स्पीड पोस्ट से पत्र भेज कर पति ने पत्नी को तलाक दिया है. पत्नी की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गयी है. गिरिडीह जिला का यह पहला मामला है. जिसमें द मुस्लिम वूमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) एक्ट, 2019 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
प्राथमिकी में आरजू परवीन ने दहेज मांगने तथा नहीं देने की हालत में तीन तलाक देने वाले पति के अलावा सास, ससुर, ननद, ननदोई व देवर को नामजद बनाया गया है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उसकी शादी नौ अक्तूबर 2015 को हुई थी. शादी के समय उसकी मां और पिता ने 70 हजार रुपये नकद एवं लगभग एक लाख रुपये का सामान दिया था. शादी के लगभग दो साल तक उसे ठीक से रखा गया.
उसके बाद पति मो़ वसीम, ससुर मो़ अख्तर हुसैन, सास महताब आरा, ननदोई मो़ मेहताब, ननद रिचु प्रवीण एवं देवर मो़ नसीम मिलकर उसके पति की तिरंगा चौक स्थित टेलर दुकान में पूंजी बढ़ाने के लिए एक लाख रुपये नकद तथा एक बाइक की मांग करने लगे. नहीं देने पर उसे तलाक देकर दूसरी शादी कर लेने की धमकी देने लगे. 12 अगस्त 2019 को सभी ने मिलकर उसे घर से भगा दिया और 04 दिसंबर 2019 को उसके पति ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से तीन तलाक लिख कर उसके पास भेज दिया. आरजू का मायका बुढ़ियाखाद में है.
मामले की हो रही है जांच : थाना प्रभारी
इधर, मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर का कहना है कि 3/4 डीपी एक्ट एवं 4 द मुस्लिम वूमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) अधिनियम, 2019 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है. एसआइ इलाजर बागे को मामले के जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.