रांची: हजारीबाग और गिरिडीह जिले के 41 लोग काम की तलाश में सऊदी अरब गए थे. वहां नौकरी का वादा करने वाली कंपनी ने उन्हें बंधक बना लिया. आठ महीने तक उन्हें बिना वेतन के काम करवाया जाता रहा. वेतन तो नहीं ही मिलता था, इन सभी 41 लोगों को एक साथ एक ही कमरे में रखा जाता था. मजदूर बताते हैं कि इन्हें दो वक्त का खाना भी नहीं दिया जाता था.
सऊदी में हुए थे धोखाधड़ी के शिकार
आखिरकार थक-हारकर इन्होंने अपने हालात का वीडियो बनाया और तात्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से वतन वापसी की गुहार लगाई. सुषमा स्वराज को जैसे ही इसकी जानकारी मिली उन्होंने सऊदी स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से वहां की सरकार पर दवाब बनाया. तभी कहीं जाकर इन 41 भारतीयों को रिहाई मिल पाई.
मंगलवार देर रात सुषमा स्वराज का निधन हो गया. जिन मजदूरों को उन्होंने छुड़वाया था उनका कहना है कि मैडम हमारे लिए भगवान समान थीं. उनके ही प्रयासों का नतीजा था कि हम अपने घर वापस आ पाए. उन्होंने कहा कि हमने उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन जैसे ही उनको पता चला वो जी-जान से हमारी रिहाई के प्रयासों में जुट गईं.