गिरिडीह : सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत दो लाख 23 हजार बच्चे अतिरिक्त पोषाहार योजना से वंचित हैं. यह स्थिति चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में अप्रैल माह से अतिरिक्त पोषाहार मद में आवंटन नहीं भेजे जाने से उत्पन्न हुई है. हालांकि सरकार ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में शिक्षा विभाग को आवंटन के रूप में 59 लाख रुपये उपलब्ध कराये हैं. इस राशि से जिले के 3362 स्कूलों में मात्र चार दिन ही बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार के रूप में फल या अंडा दिया जा सकता है.
ज्ञात हो कि सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को अतिरिक्त पोषाहार के रूप में मध्याह्न भोजन में फल या अंडा देने का प्रावधान है. जिले के 3362 सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांच में एक लाख 61 हजार 394 व कक्षा छह से आठ में 61275 बच्चे मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े हैं. अतिरिक्त पोषाहार योजना में राशि नहीं भेजे जाने से अप्रैल से नवंबर तक बच्चों को फल या अंडा नहीं मिल सका है.
एसएमसी ने खड़े किये हाथ
सरकारी स्तर से प्रति बच्चा फल या अंडा देने के लिए चार रुपये निर्धारित किये गये हैं. इसी राशि से बच्चों को फल या अंडा देना है. विद्यालय स्तर पर गठित प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि बाजार में सेब 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा है और प्रति पीस अंडा की दर खुले बाजार में आठ रुपये है. ऐसे में महज चार रुपये में बच्चों को फल या अंडा नहीं दिया जा सकता. एसएमसी के पदधारकों ने सरकार से अतिरिक्त पोषाहार के रूप में पूर्व से निर्धारित दर में वृद्धि करने की मांग की है.
विभाग से मांगी गयी है अतिरिक्त राशि : डीएसइ
डीएसइ कमला सिंह ने कहा कि विभागीय प्रावधान के अनुसार एमडीएम में बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार देना है.
लेकिन चालू वित्तीय वर्ष में मात्र 60 लाख की राशि ही इस मद में दी गयी है. इससे महज चार दिन ही स्कूली बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार दिया जा सकता है. डीएसइ ने कहा कि विभाग से राशि की मांग की गयी है. राशि आने के बाद ही स्कूलवार इसका वितरण किया जायेगा.