भवनाथपुर.
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर भवनाथपुर बाजार में मंगलवार को दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में कार्यक्रम के सभापति के रूप में लक्ष्मीकांत प्रजापति एवं देवंती देवी का चयन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ सभापति लक्ष्मीकांत प्रजापति, देवंती देवी, संरक्षक बैजनाथ प्रसाद गुप्ता, बबन साह, कामेश्वर साह, सचिव राम सुरेश राम, सह सचिव काशी राम, कोषाध्यक्ष बजरंगी साह, चपरी के पूर्व मुखिया केदारनाथ चौबे और प्रधानाचार्य जयंत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर एवं सरस्वती माता व भारत माता के चित्र पर संयुक्त रूप से पुष्पार्चन कर किया. सरस्वती वंदना के बाद प्रधानाचार्य जयंत कुमार ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए इसके उद्देश्य बताये. उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में लोग पाश्चात्य संस्कृति को अधिक बढ़ावा दे रहे हैं. इससे संयुक्त परिवार बिखरता जा रहा है. बच्चे दादा-दादी के साथ बैठना नहीं चाहते हैं. इस कारण हमारी अपनी संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. यहां तक कि लोग वृद्धाश्रम का भी सहारा ले रहे हैं. प्रधानाचार्य ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर ही एक मात्र विद्यालय है, जहां अपनी संस्कृति को संरक्षण मिल रहा है. वरना 90 प्रतिशत विद्यालयों में हाय-हेलो, डैड, मैम आदि सिखाये जा रहे हैं, इससे हमें बचना होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है