रंका. सामुदायिक वन प्रबंधन संघ की आठ दिवसीय पद यात्रा मंगलवार को अनुमंडल कार्यालय पहुंची. पद यात्रा में काफी संख्या में आदिवासी महिला-पुरुष शामिल हुए. पद यात्रा में ढोल-नगाड़े बजाते हुए एवं हाथ में तीर-धनुष लेकर सभी लोग अनुमंडल कार्यालय पहुंचे. पद यात्रा थाना मोड़ पेट्रोल पंप से निकल कर अनुमंडल कार्यालय पहुंची, जहां सामुदायिक वन प्रबंधन संघ के सदस्यों ने एसडीओ को 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा. संघ के नेता जगदीश टोप्पो ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत उनके पुरखों के प्राकृतिक संसाधनों पर संपूर्ण सामुदायिक अधिकार हस्तांतरित कर देना था. पर पूंजीवादी ताकतों ने सरकार की मदद से देश के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा कर लिया. अब उन्हें जंगल से खदेड़ा जा रहा है. इससे देश भर के किसान परेशान हैं. वन पट्टा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वन सुरक्षा समिति का गठन गैरकानूनी तरीके से किया जा रहा है. इसे रोकना होगा. सबसे ज्यादा वन पट्टा रंका अनुमंडल में : मांगपत्र लेने के बाद एसडीओ रूद्र प्रताप ने कहा कि जिले भर में रंका अनुमंडल में सबसे ज्यादा वन पट्टा दिया गया है. उन्होंने कहा कि 300 एकड़ वन भूमि का पट्टा एवं व्यक्तिगत पट्टा दिये गये हैं. इसके अलावा मछली पालन जैसे सामुदायिक वन पट्टा दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिन्हें नहीं मिला है, वे आवेदन दें, वन पट्टा निर्गत किये जायेंगे. विभिन्न मांग : मांग पत्र में ग्राम सभा के आधार पर तत्काल संपूर्ण अधिकार पत्र निर्गत करने, वन प्रबंधन समिति जैसे गैरकानूनी समितियों का गठन बंद करने, ओड़िशा की तर्ज पर बांस व तेंदु पत्ता की बिक्री व परिवहन के लिए ग्रामसभा द्वारा जारी परिवहन परमिट मान्य करने, रंका अनुमंडल को आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने तथा रंका अनुमंडल को आदिवासी विधानसभा क्षेत्र आरक्षित किये जाने सहित अन्य मांग शामिल है. उपस्थित लोग : मौके पर नंदलाल सिंह, अशोक पाल, फुलेश्वर कश्यप, एंथोनी होरो, सुशील टोप्पो, दिलीप तिग्गा , बनेश्वर उरांव, सविता सिंह खरवार, सरस्वती कुजूर, सोनिया खरवार, फूलपति टोप्पो, लीलावती बाड़ा, सरिता केरकेट्टा, रामप्रीत उरांव सहित रंका, रमकंडा, चिनिया, भंडरिया व बड़गड़ प्रखंडों के आदिवासी महिला-पुरुष शामिल थे.
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