गढ़वा. गढ़वा शहर के सोनपुरवा मुहल्ले से साल 2023 में 500 रु देने का लालच देकर 13 साल के नाबालिग लड़के का अपहरण हुआ था. इस मामले में बाल कल्याण समिति ने नाबालिग लड़के को बिहार के आरा से रेस्क्यू कराकर उसके माता-पिता को सौंप दिया है. बताया गया कि गढ़वा जिले के चिनिया निवासी एक व्यक्ति गढ़वा के सोनपुरवा मुहल्ले में रहकर अपनी पत्नी के साथ सब्जी बेचने का काम करता है. दिसंबर महीने में जब 13 साल का उसका बेटा जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिनिया में पढ़ाई करता था, वह अपने माता-पिता के पास गढ़वा आया था. इसी दौरान 20 दिसंबर को जब वह सुबह घर से बाहर निकला, तो एक अनजान व्यक्ति ने उसे टेंपो पर बहलाकर बैठा लिया और अपने साथ रांची ले गया. रांची में वह अनजान व्यक्ति उसे छोड़कर फरार हो गया. इसके बाद वह भटककर आरा चला गया था. इस मामले में उसके पिता की ओर से सीडब्ल्यूसी गढ़वा में 23 दिसंबर 2023 को मामला दर्ज कराया गया था. मोबाइल से अपनी मौसी से किया संपर्क : आरा में एक होटलवाले ने उस नाबालिग को जबरन अपने होटल में रख लिया था. वहां वह होटल का काम करता था. इसी बीच काम करने के दौरान एक दिन उसके हाथ में जब किसी का मोबाइल लगा, तो उसने अपने मौसी के नंबर पर फोन कर सारी घटना बतायी. उसी मौसी ने बिहार के नवादा पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके बाद इस मामले की छानबीन की गयी और नाबालिग लड़के को आरा से रेस्क्यू करते हुए पुलिस के समक्ष लाया गया और अपहरण के करीब 15 महीने बाद माता-पिता से मिलवाया गया. अपहरण क्यों, इसका खुलासा नहीं : इस मामले में नाबालिग का अपहरण किस उद्देश्य से किया गया था तथा फिर उसे छोड़कर अपहरणकर्ता क्यों फरार हो गया, इस मामले का खुलासा नहीं हो सका है. लेकिन नाबालिग ने कहा कि यदि वह उक्त व्यक्ति को देखेगा, तो पहचान लेगा. इस रेस्क्यू कार्य में सीडब्ल्यूसी चेयरमैन प्रणव कुमार, मुकेश कुमार सिंह, रेणु कुमारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय ठाकुर, लोहरदगा स्वराज संस्थान के गणेश कुमार व काउंसलर रिंकी देवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है