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बजट ऐसा हो, जिससे हर तबके का विकास हो सके

बजट ऐसा हो, जिससे हर तबके का विकास हो सके

गढ़वा. तीन मार्च को झारखंड राज्य का बजट पेश होने वाला है. इसे लेकर गढ़वा जिला मुख्यालय में प्रभात खबर द्वारा आम लोगों के साथ परिचर्चा आयोजित की जा रही है. परिचर्चा में शामिल आम लोगों ने झारखंड राज्य के आगामी बजट को लेकर अपनी राय रखी. लोगों की बातों से यह स्पष्ट हुआ कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, बुनियादी सुविधाएं, आदिवासी कल्याण, खेल विकास और सामाजिक सुरक्षा जैसे विषयों पर व्यापक ध्यान देने की आवश्यकता है. लोगों का मानना है कि बजट केवल आंकड़ों और योजनाओं तक सीमित न रहकर जमीनी हकीकत के आधार पर तैयार किया जाये. ताकि समाज के हर तबके तक विकास की रोशनी पहुंचे. खासकर ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार और युवाओं के लिए रोजगारपरक योजनाओं का सशक्त क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. बजट में शिक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश करना चाहिए : अमित केसरी व्यवसायी अमित केसरी ने कहा कि झारखंड का भविष्य शिक्षा व्यवस्था की मजबूती पर टिका है. वर्तमान में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद चिंताजनक है. शिक्षकों की कमी, भवनों का जर्जर होना, शुद्ध पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव, यह सब बच्चों के भविष्य पर प्रतिकूल असर डाल रहा है. सरकार को आगामी बजट में शिक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश करना चाहिए. खासकर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान किय जाने चाहिए. बजट में स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त राशि आवंटित हो : संजय ठाकुर व्यवसायी संजय ठाकुर ने कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, दवाओं का अभाव, और जांच सुविधाओं की अनुपलब्धता लोगों को निजी अस्पतालों की ओर धकेल रही है, जहां इलाज बहुत महंगा है. आगामी बजट में स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की जानी चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ायी जाये, साथ ही मुफ्त जांच और दवा की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए. टेलीमेडिसिन जैसी सेवाओं को भी प्रोत्साहित किया जाये. छोटे व्यवसायियों को ब्याज मुक्त ऋण मिले : नंद कुमार गुप्ता व्यवसायी नंद कुमार गुप्ता ने कहा कि व्यापारी वर्ग प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन उनके हितों की अक्सर अनदेखी की जाती है. खासतौर पर छोटे व्यापारियों के लिए कर प्रणाली को सरल बनाया जाये और सरकार ऐसे व्यापारियों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराये, ताकि वे अपना व्यवसाय बढ़ा सकें. ऑनलाइन व्यापार और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और प्रोत्साहन कार्यक्रम भी चलाए जाये. सरकार को चाहिए कि बजट में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष फंड की व्यवस्था हो. स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने का हो प्रावधान : शमीम अंसारी समाजसेवी शमीम अंसारी ने कहा कि झारखंड के युवा आज भी रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख करने को मजबूर हैं. आगामी बजट में राज्य के भीतर ही स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान होना चाहिए. स्टार्टअप योजनाओं को सरल और पारदर्शी बनाया जाये, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के युवा आसानी से अपना व्यवसाय शुरू कर सकें. स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सीड मनी का प्रावधान भी आवश्यक है. किसानों के लिए सब्सिडी का हो प्रावधान : डॉ मनोज चौबे सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर डॉ मनोज कुमार चौबे ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है, लेकिन आज भी किसान पुरानी तकनीकों और संसाधनों पर निर्भर हैं. आगामी बजट में किसानों के लिए सिंचाई व्यवस्था, उन्नत बीज, खाद और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का प्रावधान किया जाये. साथ ही कृषि उत्पादों के विपणन के लिए एक मजबूत व्यवस्था तैयार हो, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके. बजट में कृषि ऋण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की भी जरूरत है. विकास के लिए आर्थिक सशक्तिकरण जरूरी : कंचन जायसवाल समाजसेवी कंचन जायसवाल ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के बिना राज्य का समुचित विकास संभव नहीं है. बजट में महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं, ऋण सुविधा, और तकनीकी प्रशिक्षण का विशेष प्रावधान किया जाना चाहिए. इसके साथ ही, महिला सुरक्षा के मद्देनजर बजट में महिला हेल्पलाइन, काउंसलिंग सेंटर और सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महिलाओं के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर और पोषण कार्यक्रम का विस्तार किया जाना चाहिए. बुनियादी ढांचे की स्थिति में सुधार जरूरी. : रवि अग्रवाल व्यवसायी रवि अग्रवाल ने कहा कि झारखंड में बुनियादी ढांचे की स्थिति में काफी सुधार की आवश्यकता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. आगामी बजट में सड़क निर्माण और मरम्मत के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की जाये. गांव-गांव तक पक्की सड़कें, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और 24 घंटे बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए. अधूरे पड़े विकास कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए बजट में ठोस योजना बनायी जाये. टैक्स में छोटे व्यापारियों को राहत मिले : चेना राम व्यवसायी चेना राम ने कहा कि व्यापारियों को बजट से काफी उम्मीदें हैं. झारखंड में स्थानीय व्यापार को मजबूत करने के लिए करों में राहत दी जानी चाहि. खासतौर पर छोटे व्यापारियों और निर्माण सामग्री से जुड़े व्यवसायों के लिए आसान ऋण सुविधा और ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी जैसी योजनाएं लायी जाये. सरकार को व्यापारियों की परेशानियों को समझते हुए एक व्यापार प्रोत्साहन नीति बनानी चाहिए, जिससे स्थानीय उद्योग-धंधे पनपे और रोजगार के नये अवसर भी सृजित हों. युवाओं के लिए यह बजट बेहद महत्वपूर्ण : अविनाश सिंह युवा अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड के युवाओं के लिए यह बजट बेहद महत्वपूर्ण है. राज्य में रोजगार के नये अवसर सृजित करने के लिए स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने, स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने और कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार हो, ताकि डिग्री के साथ-साथ छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान मिले और वे नौकरी मांगने के बजाय स्वरोजगार के लिए तैयार हों. यह बजट युवाओं के भविष्य निर्माण का आधार बने, यही उम्मीद है. वृद्धजन कल्याण केंद्रों की स्थापना होना चाहिए : डॉ मुरली प्रसाद गुप्ता रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ मुरली प्रसाद गुप्ता ने बजट पर कहा कि बुजुर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा और पेंशन योजनाएं राज्य की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. वर्तमान में मिलने वाली पेंशन राशि नाकाफी है. इसे बढ़ाकर सम्मानजनक स्तर तक लाया जाये. वृद्धजन कल्याण केंद्रों की स्थापना और उन्हें सक्रिय रूप से संचालित करने के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए. साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाये, ताकि उन्हें इलाज में आर्थिक समस्या न हो.

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Prabhat Khabar News Desk
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