गढ़वा. नालसा और एमसीपीसी की ओर से संयुक्त रूप से देश में लंबित मामलों के निबटारे के लिए एक जुलाई से से 30 सितंबर तक 90 दिवसीय अखिल भारतीय मध्यस्थता अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत व्यवहार न्यायालय में 90 दिवसीय स्पेशल मध्यस्थ कैंप का आयोजन शुक्रवार को किया गया. इस दौरान एक मामले में सफलता पूर्वक मध्यस्थता संपन्न हुई. यह मामला कुटुम्ब न्यायालय से संबंधित था, इसमें आवेदक अरुण कुमार ने अपनी पत्नी चांदनी कुमारी (विपक्षी) को अपने घर ले जाने के लिए विदाई के लिए मुकदमा दाखिल किया था. पक्षी की उपस्थिति के बाद प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए पक्षकारों के मुकदमे को मध्यस्थता केंद्र गढ़वा भेजा गया, यहां जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव निभा रंजना लकड़ा द्वारा उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रशिक्षित मध्यस्थ राजेश कुमार विश्वास को मामले में मध्यस्थता कराने हेतु आदेशित किया गया. इसके बाद दो ही बैठकों में पक्षकारों के मध्य समझौता संपन्न हुआ. मौके पर बताया गया कि यदि इस मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया नहीं अपनायी जाती, तो संभव था की यह मुकदमा काफी लंबे समय तक चलता तथा अन्य नये विवाद भी हो सकते थे. मध्यस्थता प्रक्रिया के तहत समाप्त हुआ मुकदमे से पक्षकारों का पैसा और समय की बचत तो हुई ही, साथ ही साथ दोनो पक्षकारों को यह नहीं लगा कि कौन जीता और कौन हारा. आवेदक की ओर दोनों पक्षकारों ने इस प्रकिया खुशी से अपने दोनों बच्चों के साथ रहने को तैयार हुए. इस मौके पर अधिवक्ता अजय कुमार एत्रिपाठी,अधिववता नारायण पाण्डेय ने सराहनीय भूमिका निभायी.
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