पीयूष तिवारी, गढ़वा गढ़वा जिले में नीलगाय के बढ़ते उत्पात से गढ़वा जिले के लोग काफी परेशान हो गये हैं. खास कर उत्तरी क्षेत्र में नीलगाय की संख्या बहुतायात हो गयी है. इस वजह से यहां के लोग रबी फसलों एवं गरमा फसलों को लगाना लगभग छोड़ दिये हैं. नीलगायों के बढ़ते उत्पात को कम करने के लिए वन विभाग ने उन्हें पकड़कर दूसरे स्थान पर छोड़ने की योजना बनायी है. प्रथम चरण में गढ़वा जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 500 नीलगायों को पकड़ने की योजना है. यह योजना राज्यस्तरीय बैठक में लिये गये निर्णय एवं गढ़वा उतरी वन प्रमंडल पदाधिकारी अंशुमान कुमार के प्रस्ताव के बाद बनायी गयी है. योजना की पूरी रूपरेखा एवं होनेवाले खर्च आदि बनाकर उसे पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) के माध्यम से आरसीसीएफ रांची को भेज दिया गया है. यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो गढ़वा जिले में केज (पिंजड़ा) के माध्यम से नीलगाय को पकड़ने का अभियान शुरू किया जायेगा. बताया गया कि गढ़वा जिले के अलावा मेदनीनगर वन विभाग की ओर से भी इस तरह का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है. वहां से भी प्रथम चरण में 500 नीलगायों को पकड़कर उसे जंगलों में छोड़ने की योजना है. दोनो जिलों के एक हजार नीलगाय को केज में कैदकर महुआडांड़ के जंगल में छोड़ने की योजना है. पांच हजार नीलगाय हैं गढ़वा उतरी क्षेत्र में गढ़वा जिले में उतरी वन पदाधिकारी की ओर से विभिन्न स्रोतों से कराये गये आकलन के हिसाब से करीब पांच हजार नीलगाय इन क्षेत्रों में हैं. इनमें गढ़वा प्रखंड में 800, मेराल में 800, डंडई में 400, कांडी में 800, विशुनपुरा में 200, मझिआंव में 300, बरडीहा में 400, धुरकी में 100, नगरउंटारी में 200, रमना में 200, भवनाथपुर में 200 सहित अन्य क्षेत्रों में करीब 600 नीलगायों के होने का अनुमान है. नीलगाय से फसल क्षतिपूर्ति के बढ़ रहे हैं मामले नीलगायों से हो रही अनाज व घरों आदि की क्षतिपूर्ति के एवज में विभाग अच्छा-खासा मुआवजा भुगतान कर रहा है. विगत दो सालो में नीलगाय व अन्य जंगली जानवरों से अनाज, घर आदि को नष्ट करने के वर्ष 2023-24 में 427 मामले सामने आये थे, इनमें 51.64 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. जबकि साल 2024-25 में फसल क्षतिपूर्ति के कुल 563 मामले सामने आये हैं.इनमें 45.50 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है : अंशुमान कुमार इस संबंध में गढ़वा उतरी वन प्रमंडल पदाधिकारी अंशुमान कुमार ने बताया गया कि प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा गया है. वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही इसे शुरू किया जायेगा.
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