29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

गांव में सरकारी भूमि का हो रहा है अतिक्रमण

गांव में सरकारी भूमि का हो रहा है अतिक्रमण

Audio Book

ऑडियो सुनें

गढ़वा.

गढ़वा शहर से सटे चिरौंजिया गांव में मंगलवार की सुबह प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने प्रभात खबर के समक्ष अपनी समस्याओं को खुलकर साझा किया. चौपाल पर चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने गांव से जुड़े कई ऐसी समस्याएं उठायी, जो चौंकानेवाला था. उल्लेखनीय है कि सरस्वतिया नदी के तट पर गढ़वा सदर प्रखंड के चिरौंजिया पंचायत के इस गांव की आबादी करीब 3500 है, जो आठ टोलों मेें बंटी है. गांव में एक दर्जन से अधिक विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं. ज्यादातर लोग कृषि कार्य से ही अपनी आजीविका चलाते हैं. बताया गया कि इस गांव में एक बड़ा हिस्सा खास महल की भूमि का है. इससे गांव के 150 रैयत प्रभावित हैं. इन रैयतों की भूमि का न तो झारखंड सरकार के रिकॉड में न तो ऑनलाइन हो पा रहा है और न ही उनकी रसीद कट रही है. इस कारण ये रैयत काफी परेशानी झेल रहे हैं. जमीन का रसीद नहीं होने के कारण उन्हें कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही है. इससे उनके बच्चे की शिक्षा व नौकरी भी प्रभावित हो रही है. इसके लिए वे सरकारी कार्यालयों का वर्षों से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई. चिरौंजिया गांव के सभी टोले सड़क से जुड़े हैं. लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि अतिक्रमण के कारण कई टोलों का मार्ग संकीर्ण हो गया है. साथ ही उन्होंने गांव के सार्वजनिक स्थलों के अतिक्रमण का भी मुद्दा उठाया. कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेवी संस्था जनक विकास धारा ऑर्गनाइजेशन के सचिव रामाशंकर चौबे ने किया.

रजिस्टर टू व खतियान में छेड़छाड़ से परेशान हैं रैयत : नंदलाल प्रसादपशुपालन विभाग से सेवानिवृत नंदलाल प्रसाद इस समय गांव में ही रहकर अमीन का काम करने के साथ सरकारी सहयोग से बागवानी भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके गावं की भूमि का रजिस्टर टू और खतियान में छेड़छाड़ हुआ था. अपर समाहर्ता मेदिनीनगर में इसपर मामला दर्ज कराया गया. बाद में वह गढ़वा अपर समाहर्ता के पास आ गया. वहां से उनके गांव का गढ़वा अंचल कार्यालय से रजिस्टर टू और खतियान मांगा गया. लेकिन इसे अभी तक वापस नहीं किया गया. इस बीच केस करनेवाले व्यक्ति गुजर गये. इस कारण संबंधित रैयतों की न तो उनकी भूमि ऑनलाइन हो पा रही है और न ही उसकी रसीद कट रही है. यह उनकी गांव की सबसे बड़ी समस्या है. गांव के बच्चे शिक्षा व नौकरी से वंचित हो रहे हैं. उनकी जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो पा रही है. इसको लेकर उपायुक्त कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय एवं अंचल कार्यालय में आवेदन दिया गया है, लेकिन वहां से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

एक कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता है : दिनेश कुशवाहाग्रामीण व भाजपा के पंचायत अध्यक्ष दिनेश कुमार कुशवाहा ने कहा कि वे लोग मुख्य रूप से सब्जी उत्पादन कर आजीविका चलाते हैं. लेकिन कोल्ड स्टोरेज के अभाव में परेशान होती है. इस साल टमाटर का काफी उत्पादन हुआ, लेकिन कोल्ड स्टोरेज के अभाव में खराब होने के कारण कौड़ी के भाव में बेचना पड़ा. इससे उनकी पूंजी भी नहीं निकली. यही स्थिति अन्य सब्जियों के साथ होती है.

गांव में एक उच्च विद्यालय की जरूरत है : विनोद पासवानग्रामीण व झामुमो के पंचायत अध्यक्ष विनोद पासवान ने कहा कि उनके गांव में एक उच्च विद्यालय की जरूरत है. उच्च विद्यालय नहीं होने से बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. खासकर गांव की बच्चियों को गढ़वा शहर जाने में परेशानी झेलनी पड़ती है. गांव में उच्च विद्यालय के लिए पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है. उन्होंने कई अन्य समस्याएं भी उठायी.

सरकारी स्थल का अतिक्रमण हुआ है : धनंजय पासवानचिरौंजिया के पंचायत समिति सदस्य धनंजय पासवान ने कहा कि गांव की सरकारी भूमि का अतिक्रमण हो रहा है. गांव के शिव मंदिर की 2.08 एकड़ जमीन है और मांडर की 1.25 एकड़. इसी तरह से नीमटांड़ की 52 डिसमिल व वीर कुंवर स्थल की 51 डिसमिल जमीन है. इन सभी जमीन का अतिक्रमण हो रहा है. उन्होंने प्रशासन से गांव की सार्वजनिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की.

अरंगी रेलवे स्टेशन खोले सरकार : दयाशंकर कुशवाहाग्रामीण दयाशंकर कुशवाहा ने कहा कि अरंगी रेलवे स्टेशन शुरू करने की जरूरत है. इससे गांव और आसपास के यात्रियों को सुविधा हो जायेगी.

अधूरा जलमीनार पूरा करे सरकार : जितेंद्र चंद्रवंशीग्रामीण जितेंद्र चंद्रवंशी ने गांव के अधूरी जलमीनार का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन से जलमीनार बनाया गया, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ. इसके चलते गांव की जल समस्या का समाधान नहीं हो सका. गांव का जलस्तर नीचे चला गया है. विशेषकर गर्मी के दिनों में पानी की काफी परेशानी होती है.

विद्यालय में शिक्षा की सही व्यवस्था नहीं है : उमेश चंद्रवंशीउमेश चंद्रवंशी ने कहा कि गांव में जो विद्यालय है, वहां सही तरीके से पढ़ाई नहीं होती. इसके कारण उनके बच्चे को सही रूप से शिक्षा नहीं मिल पा रही है. कोई उच्च अधिकारी विद्यालय का निरीक्षण भी करने नहीं आता है. मध्याह्न भोजन योजना भी सही रूप से नहीं चल रही है.

श्मशान घाट की चहारदीवारी बनाने की जरूरत : राजकुमार महतोसमाहरणालय से सेवानिवृत कर्मचारी राजकुमार महतो ने कहा कि उनके गांव के श्मशान घाट की भूमि की चहारदीवारी की जरूरत है. चहारदीवारी के अभाव में दूसरे समुदाय के लोग उसपर कब्जा कर रहे हैं. साथ ही श्मशान घाट जाने के लिए सरस्वती नदी पर पुल बनाने की जरूरत है. उनका श्मशान घाट सरसतिया नदी के उस पार है. पुल के अभाव के बरसात के दिनों में श्मशान घाट जाने में परेशानी हो जाती है.

पेयजल की समुचित व्यवस्था हो : नारायण महतोग्रामीण नारायण महतो ने कहा कि उनके गांव में भूगर्भ जल स्तर नीचे हैं. इस कारण यहां चापाकल व अन्य जलस्रोत से पानी नहीं निकलता. इसलिए गांव में पेयजल एवं सिंचाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए.

गांव में बुनियादी सुविधा की पहल नहीं हो रहा : अनिल कुमारअनिल कुमार ने कहा कि उनके गांव में कई बुनियादी समस्याएं हैं. लेकिन शहर के करीब होने के बाद भी उनका समाधान नहीं हो पा रहा है. इससे खेती-किसानी से जीविकोपार्जन करनेवाले ग्रामीणों को काफी मेहनत के बाद भी उसको अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है.

इन्होंने भी विचार व्यक्त किये- नरेश महतो, अनुप कुमार, रामसेवक मेहता, रामप्रवेश मेहता, गोरख मेहता, विजय साव, सीताराम मेहता, ललन बैठा, सूजित रजक व दिनेश मेहता ने भी विचार व्यक्त किये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel