डंडई. डंडई प्रखंड के आदिम जनजाति बाहुल्य महुदंड गांव के ग्रामीण आज भी कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों के अनुसार इस गांव में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से जल जीवन मिशन के तहत जलमीनार तो लगायी गयी है, लेकिन यह लगते ही खराब हो गयी है. वहीं यहां कई जलमीनार का निर्माण कार्य अधर में लटका है. रविवार को इस गांव में महिलाएं बाल्टी से पीने का पानी तथा अन्य घरेलू कार्य के लिए पानी भर रही थीं. गांव में लगे एक जलमीनार का सोलर प्लेट आंधी के कारण टूट कर लटका हुआ है, तो दूसरे का स्टार्टर खराब है. वहीं एक अन्य जलमीनार में लगा पाइप और नल टूटा हुआ है. इस कारण आज भी गांव के ग्रामीण कुएं का दूषित पानी भर रहे हैं. कुएं से पानी भर रही महिलाएं कमला देवी, प्रमिला देवी, उर्मिला देवी, कलावती देवी, सुनीता देवी व राजकुमारी देवी ने बताया कि गांव में जब जलजीवन मिशन की ओर से जल मीनार लगनी शुरू हुई थी, तो वे लोग काफी खुश थे कि अब उन लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा और कुएं से पानी नहीं भरना पड़ेगा. लेकिन आज तक पीने का पानी की समस्या जस की तस है. आज भी टोले की महिलाएं सहित मुखिया भी इसी कुएं का पानी मजबूरन पी रहे हैं. महिलाओं ने कहा कि सरकार जब चुनावी समर में थी, तो वादा किया जा रहा था कि जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल का पानी पहुंचाकर स्वच्छ पेयजल आपूर्ति करायी जायेगी. लेकिन आज तक गरीबों के घर तक साफ पीने का पानी नहीं पहुंचायी गयी है और जो जलमीनार लगी है, उसमें घटिया मशीन लगायी गयी है. इस कारण यह खराब हो गयी है. ग्रामीण राम अवतार सिंह व अमेरिका सिंह ने बताया कि कई स्थानों पर जल मीनार के संवेदक दुर्गा प्रसाद ने क्षेत्र में जलमीनार का निर्माण जैसे-तैसे कराया है. जलमीनार बनते ही खराब हो गयी है. पूरी होगी अधूरी जलमीनार : जलमीनार को लेकर संवेदक दुर्गा प्रसाद ने कहा कि जिस जलमीनार का निर्माण कार्य अधूरा है उसे पूरा कराया जायेगा. वहीं जो जलमीनार खराब हो गयी है, उसे जल्द ही दुरुस्त कराया जायेगा. दो-तीन दिन में दूर होगी समस्या : वहीं इस मामले में पेयजल स्वच्छता विभाग के एसडीओ शहनवाज हसन ने कहा की संबंधित संवेदक से बोलकर जल्द ही जलमीनार को दुरुस्त कराया जायेगा. दो-तीन दिनों में ग्रामीणों की समस्या दूर कर दी जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है