गढ़वा. नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा आरक्षण के लिए पात्रता निर्धारण के वास्ते किये गये डोर-टू-डोर सर्वे की अब जांच होगी. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को प्राप्त शिकायत के बाद इस मामले को लेकर गढ़वा जिले में जांच का निर्देश दिया गया है. निर्देश प्राप्त होने के बाद गढ़वा उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) शेखर जमुआर ने इस मामले की जांच के लिए गढ़वा जिले के तीनों नगर निकाय क्षेत्र के सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (एआरओ) को जांच करने से संबंधित पत्र जारी किया है. एआरओ के पद पर सेवारत गढ़वा सीओ शफी आलम को गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र, नगर उंटारी बीडीओ को श्री बंशीधर नगर नगरपंचायत क्षेत्र तथा मझिआंव सीओ को मझिआव नगर पंचायत क्षेत्र में जांच का निर्देश दिया गया है. यह एक गंभीर मामला है : डीसीे ने अपने पत्र में कहा है कि पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिये जाने को लेकर पात्रता निर्धारण के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कार्य के संंबंध में पिछड़े वर्ग आयोग, रांची को शिकायत प्राप्त हुई है. यह एक गंभीर मामला है. उपायुक्त ने तीनों पदाधिकारियों को वार्डवार सत्यापन कर जांच प्रतिवेदन अपने मंतव्य के साथ अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. क्या है पूरा मामला : उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय झारखंड के निर्देश एवं राज्य सरकार की पहल पर गढ़वा जिले में पिछड़ा आरक्षण को लेकर पात्रता निर्धारण के लिए ट्रिपल टेस्ट के तहत डोर-टू-डोर सर्वे करने का निर्देश प्राप्त था. इसके लिए गढ़वा जिले के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में वहां के कार्यपालक पदाधिकारियों को जिम्मेवारी दी गयी थी. लेकिन डोर-टू-डोर सर्वे गढ़वा जिले के तीनों नगर निकाय क्षेत्र में से कहीं भी नहीं किया गया. पर यह सर्वे किये जाने से संबंधित रिपोर्ट सबमिट कर दी गयी. प्रभात खबर ने छापी थी रिपोर्ट : प्रभात खबर में इसकी गड़बड़ी से संबंधित ग्राउंड रिपोर्ट समाचार के रूप में प्रमुखता से प्रकाशित की गयी थी. इसके बाद से इसका विरोध किया जा रहा है. विरोध करनेवालों का आरोप है कि गढ़वा जिले में कहीं भी एक भी वार्ड में जाकर सर्वे नहीं किया गया है. बल्कि घर बैठे इसकी खानापूर्ति की गयी है. आरोप लगने के बाद इस मामले की जांच के लिए पिछले महीने पिछड़ा आयोग की टीम भी यहां आयी थी. साथ ही आजसू पार्टी की ओर से लगातार यहां सभी वार्डों में जाकर लोगों से इससे संबंधित पूछताछ कर रही है तथा एक जनमत संग्रह फार्म भरवा रही है.
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