अभियान से जनजातीय समुदाय का किया जा रहा है विकास : उपायुक्त फोटो :- गढ़वा. भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन गढ़वा में किया गया. इस कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त दिनेश यादव ने की। उन्होंने इस अभियान को जनजातीय समुदाय के उत्थान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों को सक्रियता से कार्य करने का निर्देश दिया. उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि जिला स्तरीय समिति को इस योजना की समयबद्ध मॉनिटरिंग करनी होगी और गति शक्ति पोर्टल पर सभी योजनाओं की प्रगति को लक्ष्य आधारित रूप से दर्ज करना होगा. उन्होंने सभी अधिकारियों को अभियान के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने की शपथ भी दिलायी. कार्यक्रम में जिला कल्याण पदाधिकारी धीरज प्रकाश ने अभियान की विस्तृत जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी. उन्होंने बताया कि यह योजना भारत के 30 राज्यों के 550 जिलों के 3000 प्रखंडों के 1 लाख जनजातीय बहुल गांवों में लागू की जा रही है. इसकी शुरुआत 2 अक्तूबर 2024 को भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर की गयी है. योजना की कुल अवधि 5 वर्ष है और इसके लिए 80,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. 7100 गांवों को शामिल किया गया है झारखंड राज्य में इस योजना के तहत 22 जिलों के 224 प्रखंडों के 7100 गांवों को शामिल किया गया है. गढ़वा जिले में प्रथम चरण में 15 प्रखंडों के 58 पंचायतों के कुल 113 गांवों को चिन्हित किया गया है. इन गांवों में कुल 18,522 अनुसूचित जनजाति परिवारों के 96,724 व्यक्तियों को लक्षित किया गया है. इस अभियान के तहत चयनित गांवों में बॉटम-अप अप्रोच के माध्यम से ग्राम विकास विजन तैयार किया जायेगा. साथियों की मदद से गांवों की मूलभूत आवश्यकताओं की पहचान की जाएगी, चाहे वे व्यक्तिगत हों या सामुदायिक. इसके आधार पर विस्तृत कार्य योजना बनायी जायेगी. अभियान के सफल संचालन हेतु राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर मिशन आदि कर्मयोगी के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसके साथ ही सिंगल विंडो ग्रीवेंस रिड्रेसल सेवा केंद्रों की स्थापना की जा रही है ताकि जनजातीय समुदाय की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके. इस योजना के अंतर्गत 17 मंत्रालयों की 25 से अधिक योजनाओं को सैचुरेशन मोड में लागू किया जायेगा. इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, विद्युतीकरण, मोबाइल कनेक्टिविटी, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, आयुष्मान भारत कार्ड, उज्ज्वला योजना, आधार कार्ड निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्र, समग्र शिक्षा अभियान, स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स, ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर्स, वन अधिकार पट्टा आधारित कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसी योजनाएं शामिल हैं. कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ कैनेडी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी देवेंद्र राम, पंचायती राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी पंकज कुमार गिरि सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.
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