गढ़वा.
अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि जल्द ही सदर अनुमंडल क्षेत्र में अवैध शराब एवं ऐसे ही नशे के व्यापार के विरुद्ध सामाजिक-प्रशासनिक एकजुटता से एक प्रभावी अभियान की शुरुआत होगी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं, जहां पर लोगों ने अवैध शराब निर्माण को अपनी जीविका का साधन बना लिया है. ऐसे लोग इस व्यवसाय को भय या दंड की वजह से कुछ दिन के लिए कम कर देते हैं पर कुछ ही दिनों में फिर शुरू कर देते हैं. लेकिन अगर उन्हें इस व्यवसाय से हमेशा के लिए दूर करना है, तो उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है. इसको लेकर इसी सप्ताह सामाजिक प्रशासनिक सहभागिता से एक बड़े अभियान की शुरुआत की जायेगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं, बच्चे तथा बुजुर्ग अपने कामकाजी परिजनों को इस व्यवसाय में तौबा करवाने के लिए अच्छे प्रेरक की भूमिका निभा सकते हैं. इसी उद्देश्य से उन्होंने दुलदुलवा गांव में बुजुर्गों और बच्चों के साथ यहां के मोहल्लों में नुक्कड़ संवाद किया. उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने माता-पिता को जितनी अच्छी तरह से समझा सकते हैं, उतनी अच्छी तरह से और कोई नहीं समझा सकता. उन्हें समझाएं कि अवैध शराब बनाने और बेचने का कार्य न केवल अपराध है बल्कि अनैतिक होने के कारण समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता है. कुछ इसी प्रकार गांव के बुजुर्गों से भी संजय कुमार ने इस सामाजिक पहल में सहयोग का अनुरोध किया. वन विभाग, पुलिस विभाग, उत्पाद विभाग, पंचायती राज संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं, स्वयं सहायता समूह, मीडिया, सोशल मीडिया की मदद से व्यवहारात्मक परिवर्तन के लिए एक अभियान इसी सप्ताह शुरू किया जायेगा. नशाखोरी से किसी को भी नुकसान : एसडीएम ने कहा कि नशाखोरी के कारण हम में से किसी को भी कभी भी नुकसान हो सकता है. अक्सर नशेड़ी लोग लूटपाट, चोरी, रैश ड्राइविंग आदि गतिविधियों में शामिल पाये जाते हैं. लेकिन इसके भुक्त भोगी वे लोग हो जाते हैं, जिनका नशे से कोई मतलब नहीं है. इसलिए समाज के हर व्यक्ति को नशा के विरुद्ध किसी भी अभियान में स्वैच्छिक रूप से शामिल होना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है