गढ़वा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ के कस्तूरीरंगन के निधन पर वीपी डीएवी पब्लिक स्कूल फरठिया में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्य आशीष कुमार मंडल सहित सभी शिक्षकों ने डॉ कस्तूरीरंगन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया. इसके बाद सभी शिक्षक एवं छात्रों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. श्रद्धांजलि सभा के पश्चात दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करने के लिए विद्यालय के प्रांगण में प्राचार्य एवं छात्रों द्वारा विशेष हवन किया गया. इस अवसर पर प्राचार्य श्री मंडल ने कहा कि डॉ के कस्तूरीरंगन न केवल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के स्तंभ थे, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान अविस्मरणीय है. वे इसरो के अध्यक्ष रहते हुए भारत को अनेक सफल अंतरिक्ष अभियानों की ओर ले गये. इसके अतिरिक्त उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की रूपरेखा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. नयी शिक्षा नीति में भारत की शिक्षा व्यवस्था को समग्र, लचीला और समकालीन बनाने के लिए जो दिशा तय की गयी है, उसका श्रेय डॉ कस्तूरी रंगन की दूरदृष्टि को जाता है. डॉ रंगन का जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत : प्राचार्य ने कहा कि दिवंगत डॉ रंगन का जीवन विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है. उन्हें उत्कृष्ट योगदान हेतु भारत सरकार ने पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित किया है. उन्होंने खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष उपयोग के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 200 से अधिक आलेख प्रकाशित किये हैं. उन्होंने छह पुस्तकों को संपादित किया. श्रद्धांजलि सभा में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है